Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 15 Apr, 2024 06:50 PM
खुले में सेप्टेज वेस्ट डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी नगर निगम ने शुरू कर दी है। निगमायुक्त नरहरि सिंह बांगड़ ने कहा कि सेप्टेज कचरे का इधर-उधर डालना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेशों और हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के प्रावधानों...
गुड़गांव,(ब्यूरो): खुले में सेप्टेज वेस्ट डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी नगर निगम ने शुरू कर दी है। निगमायुक्त नरहरि सिंह बांगड़ ने कहा कि सेप्टेज कचरे का इधर-उधर डालना नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेशों और हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है।
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इसके तहत दोषी टैंकर मालिक पर पहली बार पकड़े जाने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा तथा टैंकर को जब्त कर लिया जाएगा। यदि यह अवहेलना दूसरी बार पाई जाती है, तो जुर्माना राशि 50 हजार रुपए होगी तथा कारावास भी हो सकता है। उन्होंने नागरिकों से भी अपील करते हुए कहा कि वे ऐसा करने वालों पर नजर रखें तथा इसकी सूचना हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1817 पर दें।
आयुक्त ने कहा कि सड़क के किनारों, ग्रीन बेल्ट, खाली प्लाटों व नालों आदि में सेप्टेज टैंक व सीवरेज से निकलने वाले कचरे का डिस्चार्ज करना दंडनीय अपराध है। नगर निगम गुड़गांव ऐसा करने वालों पर कड़ी नजर बनाए हुए है तथा संबंधित के वाहन जब्त करने के साथ ही उस पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।
निगमायुक्त ने कहा कि निगम क्षेत्र में बनी रिहायशी सोसायटियों व अनियमित कॉलोनियों में बने सेप्टेज टैंक की सफाई टैंकर के माध्यम से करवाई जाती है। इन टैंकरों के संचालक सेप्टेज कचरे को खाली प्लाट, सडक़ के किनारे, ग्रीन बैल्ट या नाले आदि में फैंक देते हैं, जो कि पर्यावरणीय नियमों के विरूद्ध है तथा ऐसा करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई व भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी रिहायशी सोसायटियां यह सुनिश्चित करें कि उनके यहां सीवरेज वाटर के ट्रीटमैंट के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सही तरीके से संचालित किया जाए। इसके साथ ही अगर वे अपने यहां बने सेप्टेज टैंक की सफाई करवाते हैं, तो यह सुनिश्चित करना भी उन्हीं की जिम्मेदारी है कि सेप्टेज कचरा संबंधित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर ही डिस्चार्ज किया जाए।