हकों के लिए शराब कारोबारी पहुंचे हाईकोर्ट, सुनवाई आज

Edited By Updated: 21 May, 2017 10:36 AM

liquor businessman arrives for hc

प्रदीप मित्तल ने कहा कि उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है।

अम्बाला शहर (बलविंद्र):प्रदीप मित्तल ने कहा कि उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है। अब शराब ठेकेदार मजबूरी व प्रदेश सरकार से न्याय न मिलने की सूरत में परेशान होकर हाईकोर्ट पहुंचे हैं। जहां पर याचिका नम्बर 160/2017 पर उच्च न्यायालय में आज सुनवाई करेगा, लेकिन फिर भी शराब के ठेकेदारों का राज्य सरकार से अनुरोध है कि हक की इस लड़ाई में शराब कारोबारियों का साथ दें, जिससे की सरकार के राजस्व व शराब कारोबारियों को भारी नुक्सान से बचाया जा सके। 

यही नहीं ठेकेदार प्रदीप मित्तल का कहना है कि अपने हकों के लिए वे लड़ेंगे, झुकेंगे नहीं। शराब ठेकेदार प्रदीप मित्तल ने बताया कि गत 31 मार्च को याचिका नम्बर 12168/16 में राहत याचिका पर सुनवाई करते हुए शराब कारोबारियों को राहत दी थी। इस लोकल बॉडी की आबादी 20,000 से कम है, वहां पर शराब व्यवसाय 220 मीटर की दूरी पर चल सकता है। इससे पूर्व 15 दिसम्बर 2016 तक सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि शराब व्यवसाय मुख्य मार्गों से 500 मीटर की दूरी पर चलेंगे।  इसके बावजूद हरियाणा की आबकारी नीति 2017-18 में जो मार्च माह में कैबिनेट में पास की थी, उसमें प्रावधान था कि बीयर बार मुख्य मार्गों पर चल सकते हैं। 

प्रदेश सरकार ने अधूरे मन से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की पालना करते हुए बीयर बार 500 मीटर में लाने की पालना की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जो 220 मीटर का निर्देश जारी किया था उसकी अनदेखी की, जिस वजह से प्रदेश सरकार व शराब कारोबारियों को भारी नुक्सान उठाना पड़ा, क्योंकि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश की सीमाओं से सटा है। इन प्रदेशों ने 220 मीटर की पालना करते हुए अपने शराब कारोबारियों को भारी राहत दी, जिस कारण पड़ोसी राज्यों के ठेके व ठेकेदार और वहां की सरकार का राजस्व मालामाल हो गए हैं। हरियाणा प्रदेश का राजस्व और शराब व्यवसायी कंगाल हो गए हैं।

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