अदालत में डाक्टर पूनम भार्गव को बताया पीड़ित, वकील बोला- ब्लैकमेलिंग का चल रहा गोरखधंधा

Edited By Isha, Updated: 01 Mar, 2020 11:20 AM

lawyer told the victim poonam bhargava in court

पंचकूला नागरिक आस्पताल की गायकोनोलोजी विभाग की डाक्टर पूनम भार्गव के मामले में आज पंचकूला कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की अग्रिम जमानत की याचिका पर आज

पंचकूला (उमंग)- पंचकूला नागरिक आस्पताल की गायकोनोलोजी विभाग की डाक्टर पूनम भार्गव के मामले में आज पंचकूला कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की अग्रिम जमानत की याचिका पर आज पुलिस ने अपना जवाब दायर किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र सूरा की अदालत में आज पुलिस द्वारा दायर किए गए जवाब पर बहस की गई वहीं अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 3 मार्च की तारीख तय कर दी है।

आज की सुनवाई के दौरान मामले में उस समय नया मोड़ आ गया जब बचाव पक्ष के वकील प्रमोद भारद्वाज द्वारा अदालत में पंजाब के एक गिरोह द्वारा जोकि डाक्टरों को गर्भपात करने का स्टिंग करके डाक्टरों को ब्लैक मेलिंग करके पैसे उगाही करने का गोरखधंधा चला रहे हैं,की जानकारी दी। जानकारी के अनुसार उन्होंने अदालत को बताया कि पंजाब के संगरुर जिले में पिछले दिनों वहां की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ़्तार किया था जोकि सुनियोजित ढंग से डाक्टरों का स्टिंग आप्रेशन कर उनसे ब्लैकमेलिंग कर लाखों रुपए ऐंठते थे।

बचाव पक्ष के वकील प्रमोद भारद्वाज ने बताया कि संगरुर में गिरफ्तार किये गये आरोपियों व पंचकूला की गायनी डाक्टर पूनम भार्गव को ब्लैकमेल करने वाले व्यक्तियों में काफी समानता है। उन्होंने बताया कि इन दोनों घटनाओं में एक ही आदमी अमनदीप मास्टरमाईंड है और वह पटियाला का रहने वाला है वहीं वकील ने बताया कि ऐसे में कई सावाल उठते हैं जैसे कि पंचकूला में डाक्टर पूनम भार्गव को ब्लैकमेल करने वाले ये व्यक्ति कब से यह रैकेट चला रहे हैं और अब तक कितने डाक्टरों को अपना शिकार बना चुके हैं। बचाव पक्ष के वकील प्रमोद भारद्वाज ने अदालत में भी यह दलील रखी कि इस पूरे प्रकरण में डाक्टर पूनम भार्गव पीडि़त हैं क्येांकि उन्हें ही ब्लैकमेल व प्रताडि़त किया जा रहा था। वहीं आज अदालत की कारवाई की अधिक जानकारी देते हुए बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि जज ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आईपीसी की धारा 315 पर भी पुलिस से जबाव तलब किया।

आईपीसी की धारा 315 के तहत किसी शिशु को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के पश्चात उसकी मृत्यु कारित करने के तहत सजा का प्रावधान है,जबकि डाक्टर पूनम भार्गव के मामले में पुलिस यह बात साबित ही नहीं कर पाई कि डाक्टर पूनम भार्गव के पास गर्भपात करवाने के लिए कोई युवती भी गई थी। क्योंकि अब तक वायरल हुई किसी भी वीडिय़ों में कोई भी युवती सामने दिखाई नहीं दी है। और न ही किसी महिला ने इस मामले में अब तक कोई गवाही दी है या अपने ब्यान दर्ज करवाये हैं।

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