Edited By Saurabh Pal, Updated: 15 Dec, 2023 07:01 PM
नगर निगम यमुनानगर की अंतिम बैठक हंगामा पूर्ण रही। जिसमें पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों में सफाई और विकास कार्यों को लेकर भेदभाव के आरोप लगाए हैं।
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): नगर निगम यमुनानगर की अंतिम बैठक हंगामा पूर्ण रही। जिसमें पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों में सफाई और विकास कार्यों को लेकर भेदभाव के आरोप लगाए हैं। पार्षदों का आरोप था कि निगम की पहली मीटिंग में जो वादे किए गए थे, वह भी पूरे नहीं हुए। शहर का कहीं कोई विकास नहीं हुआ। कई वार्डों में स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगी।
नगर निगम की इस बैठक में पार्षद निर्मला चौहान, पार्षद विनोद मार, पार्षद राम आश्रय सहित अन्य पार्षदों ने खुलकर सरकार के खिलाफ आरोप लगाए। पार्षदों का आरोप था कि वह मीटिंग में मुद्दे रखते रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हुआ। सड़कों का बुरा हाल है, स्ट्रीट लाइट लगी नहीं, जो स्ट्रीट लाइट लगाने के आदेश दिए थे पता नहीं कहां गईं। पार्षदों का कहना था कि बीजेपी को हरियाणा में अगर सबसे ज्यादा चोट लगेगी तो वह नगर निगम के कारण लगेगी। प्रॉपर्टी आईडी के नाम पर लोगों को परेशान किया गया।
वहीं नगर निगम के मेयर मदन चौहान का कहना था कि वाद विवाद वाली कोई बात नहीं थी। जितने विकास के मुद्दे थे सभी पास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मात्र तीन वार्डों में 10 करोड़ से कम के कार्य हुए हैं, जबकि अधिकांश वार्डों में 15 से 16 करोड़ के विकास कार्य हुए हैं। इन 5 वर्षों में किसी से कोई भेदभाव नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जिला में सौंदर्यीकरण को लेकर गेट लगाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के चलते यह कार्य सिरे नहीं चढ़ा।
नगर निगम की यह अंतिम बैठक थी, जिसमें पार्षदों ने जमकर अपनी भड़ास निकली और कहा कि नगर निगम में सभी कार्यों में भेदभाव हुआ है। वहीं नगर निगम मेयर का कहना था कि बिना किसी भेदभाव के काम किया है।
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