जयपुर में चल रहे किडनी रैकेट का गुड़गांव में भंडाफोड़

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 04 Apr, 2024 03:13 PM

kidney transplant racket busted by gurgaon police

जयपुर में चल रहे किडनी रैकेट का गुड़गांव में भंडाफोड़ हुआ है। एक बांग्लादेश की किडनी निकालने के बाद व्यक्ति को डे केयर के लिए गुड़गांव के एक होटल में रखा गया था। सूचना के आधार पर सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेक्टर-39 के बाबिल पाला होटल...

 

गुड़गांव, (ब्यूरो): जयपुर में चल रहे किडनी रैकेट का गुड़गांव में भंडाफोड़ हुआ है। एक बांग्लादेश की किडनी निकालने के बाद व्यक्ति को डे केयर के लिए गुड़गांव के एक होटल में रखा गया था। सूचना के आधार पर सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेक्टर-39 के बाबिल पाला होटल में रेड की। यहां से पुलिस ने एक व्यक्ति को काबू किया जिसकी किडनी को जयपुर फोर्टिस अस्पताल में निकाला गया था। एसएमओ डॉ पवन चौधरी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया कि व्यक्ति की डील एक एजेंट के जरिए चार लाख टका में हुई थी। जयपुर में ऑपरेशन के बाद कोई दिक्कत होने की बात कहकर उसे गुड़गांव के इस होटल में शिफ्ट कर दिया गया था। इसी होटल में उसे डे केयर दिया जा रहा था।

 

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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सीएम फ्लाइंग को सूचना मिली थी कि गुड़गांव में एक किडनी प्रत्यारोपण रैकेट एक होटल के जरिए चल रहा है। इस पर स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर एक टीम गठित कर सेक्टर-39 के बाबिल पाला होटल में रेड की गई। यहां शमीम नामक व्यक्ति मिला। जिसकी किडनी निकाली जा चुकी थी। शमीम ने बताया कि वह बांगलादेश का रहने वाला है और वहां मोबाइल शॉप चलाता है। फेसबुक पर किडनी प्रत्यारोपण का विज्ञापन देखकर उसने एजेंट से संपर्क किया जिसने बांगलादेशी करेंसी के मुताबिक उसे चार लाख टका दिए जाने का सौदा तय किया। यह राशि लेकर उसने किडनी देने के लिए लिए डील फाइनल कर दी। एजेंट ने ही उसके फिंगरप्रिंट लेकर उसका फर्जी पासपोर्ट बनवाया और करीब दो महीने पहले भारत भेज दिया। यहां उसका फोर्टिस अस्पताल जयपुर में ऑपरेशन किया गया और कुछ दिन पहले ही उसे गुड़गांव में शिफ्ट किया गया है।

 

सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अर्जुन देव ने बताया कि मामले में फिलहाल सदर थाना पुलिस केस दर्ज कर रही है। पुलिस का कहना है कि मामला बेहद संवेदनशील है। ऐसे में तथ्यों के आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शमीम से पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि आखिर वह किस एजेंट के जरिए गुड़गांव आया था।

 

आपको बता दें कि किडनी रैकेट का गुड़गांव का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले साल 2008 में भी इसी तरह का एक मामला गुड़गांव के पालम विहार क्षेत्र में सामने आया था जहां उत्तर प्रदेश से लोगों को लाकर उनकी किडनी निकाली जाती थी और यह किडनी संयुक्त राज्य अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, कनाडा, साउदी अरब और ग्रीन के ग्राहकों को प्रत्याराेपित की जाती थी। इस घोटाले के आरोपी डॉ अमित कुमार को 7 फरवरी 2008 को नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। इस रैकेट के गुड़गांव में चलाए जाने की सूचना भी उत्तर प्रदेश के एक गेस्ट हाउस से मिली थी। जब पुलिस ने गुड़गांव में छापा मारा तो यहां से करीब दो दर्जन लोगों को छुड़ाया गया था। यहां किडनी निकालने के लिए पहले उन्हें नौकरी के लालच में क्लिनिक में बुलाया जाता था और किडनी निकलवाने के लिए 30 हजार रुपए का लालच दिया जाता था। जो लोग इसका विरोध करते थे उन्हें दवा देकर उनकी इच्छा के विरुद्ध उनकी किडनी निकाल ली जाती थी। अब 16 साल बाद एक बार फिर गुड़गांव में पकड़े गए इस किडनी रैकेट ने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए हैं।

 

 

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