नाकामियों का ठीकरा हरियाणा पर फोड़ना बंद करें केजरीवाल: खट्टर

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 13 Jun, 2018 07:29 AM

kejriwal does not stop blaming the failures of haryana

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पानी की कमी के लिए हरियाणा को दोषी ठहराने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केजरीवाल को कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि वह अपनी नाकामी का ठीकरा....

चंडीगढ़(धरणी/बंसल): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पानी की कमी के लिए हरियाणा को दोषी ठहराने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने केजरीवाल को कड़ा जवाब देते हुए कहा है कि वह अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरों पर फोडऩा बंद करें।

अपने समकक्ष को लिखे अर्ध-सरकारी पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने न केवल तय मापदंड के अधिक पानी की आपूर्ति दिल्ली को करने पर हरियाणा के उदार रुख का जिक्र किया।  पड़ोसी राज्य के मुखिया द्वारा की जा रही सियासत पर उनके द्वारा वाजिब कदम नहीं उठाए जाने के चलते उनकी मंशा पर भी सवाल खड़े किए। 

मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली मुख्यमंत्री को अर्ध-सरकारी पत्र लिखते हुए उनके लगातार पानी की किल्लत के लिए हरियाणा पर सवाल उठाने की सियासत को उनकी मंशा से जोड़ते हुए पलटवार किया है। उन्होंने केजरीवाल को याद दिलाया कि वर्ष 2018-19 के बजट संबोधन में आप कहते हैं कि दिल्ली में पानी की कोई कमी नहीं और उसी दिन दिल्ली जल बोर्ड सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर वजीराबाद में कच्चे पानी की कमी का सवाल उठाते है।

इस अर्ध-सरकारी पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ऊपरी यमुना नदी बोर्ड द्वारा तय अनुपात के अनुसार हरियाणा दिल्ली को पानी देने के दायित्व को बखूबी निभा रहा है। कुछ समय पहले जल संसाधन मंत्रालय के सचिव द्वारा गर्मी में दिल्ली की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनसे 120 क्यूसिक कच्चा पानी दिल्ली को देने का आग्रह किया गया था।
 

जिसे दिल्ली वासियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए हरियाणा ने उदारता दिखाई और यह पानी देना शुरू कर दिया। वहीं, यमुना में पानी की किल्लत के चलते हरियाणा को जनवरी माह से 4 समूह की बजाय 5 समूह में पानी वितरित किए जाने का रोटेशन अपनाना पड़ा। इसके बावजूद यदि केजरीवाल को लगता है कि हरियाणा नाइंसाफी कर रहा है तो वह अपने अधिकारियों से सलाह करें। 
 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि दिल्ली की जनता की जरूरतों पर हरियाणा के उदार रवैये का जिक्र करते हुए हरियाणा ने वर्ष 2014 से दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर मुनक से 1050 क्यूकिस पानी की आपूर्ति शुरू की लेकिन दिल्ली ने उन्हें मुकद्दमेबाजी में धकेलने का काम किया। 

इसी प्रकार जल संसाधन मंत्रालय के आग्रह पर डी.डी. 8 के माध्यम से वजीराबाद में 120 क्यूसिक पानी अतिरिक्त मुहैया करवाया। हरियाणा ने इस शर्त पर डी.डी. 8 के माध्यम से अतिरिक्त पानी की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाई थी कि दिल्ली एन.जी.टी. और दिल्ली उच्च न्यायालय से सभी मामलों को वापस ले लेगी।
 

उन्होंने केजरीवाल को सलाह दी कि मुकद्दमा समय और ऊर्जा की बर्बादी है, इसलिए वह मुकद्दमेबाजी में जाने की बजाय ऊपरी यमुदी नदी बोर्ड के हरियाणा स्टैंड का समर्थन करें तथा अपने आंतरिक मसलों को बैठकर सुलझाएं ताकि दिल्ली की जनता को इसका खमियाजा न भुगतना पड़े।

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