पांच माह बाद जिला परिषद बैठक में भ्रष्टाचार के आरोपों पर हंगामा, दो पार्षदों में तीखी नोकझोंक

Edited By Deepak Kumar, Updated: 22 Jul, 2025 09:31 AM

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कैथल जिला परिषद कार्यालय में करीब 5 माह बाद हुई हाउस की बैठक कई मायनों में अहम रही। बैठक में दो पार्षदों के बीच भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर तीखी बहस भी देखने को मिली।

कैथल (जयपाल रसलपुर): जिला परिषद कार्यालय में करीब पांच माह बाद हुई हाउस की बैठक कई मायनों में अहम रही। बैठक में जहां एक ओर विकास कार्यों को लेकर 6.35 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी गई, वहीं दूसरी ओर दो पार्षदों के बीच भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर तीखी बहस भी देखने को मिली। पार्षदों के बीच गरमागरम बहस के बीच जिला परिषद चेयरमैन कर्मबीर कौल ने बैठक को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संभालते हुए पारदर्शिता के लिए कई बड़े निर्णय लिए। चेयरमैन कर्मबीर कौल ने स्पष्ट कहा कि परिषद किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। हाउस की बैठक में उठे हर मुद्दे की निष्पक्ष जांच करवाई जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता व जवाबदेही को बढ़ाने के लिए पहली बार परिषद स्तर पर सात अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे संबंधित विभागों व कार्यों की निगरानी करें और समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट दें।

भ्रष्टाचार के आरोपों से गर्माया माहौल, पार्षदों में नोकझोंक

बैठक के दौरान वार्ड नंबर दो से पार्षद व पूर्व चेयरमैन दीपक मलिक जाखौली ने आरोप लगाया कि जिला परिषद में बिना रिश्वत के कोई काम नहीं हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि मस्टररोल पास करवाने के बदले 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई, जिनमें से 5 हजार स्वयं के और 10 हजार डिप्टी सीईओ के नाम पर मांगे गए। मलिक ने कहा कि उनकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिस कारण मनरेगा मजदूरों को भुगतान के लिए भटकना पड़ रहा है।

इन आरोपों का वार्ड नंबर चार से पार्षद दिलबाग उर्फ दीप बालू ने कड़ा जवाब दिया। उन्होंने मलिक के कार्यकाल में हुए कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि उनके समय में विकास कार्यों में ढाई करोड़ से अधिक का गोलमाल हुआ है, जिसकी भी जांच होनी चाहिए। दोनों पार्षदों के बीच तीखी बहस का माहौल रहा, लेकिन चेयरमैन ने स्थिति को काबू में रखते हुए चर्चा को आगे बढ़ाया।

चेयरमैन की सख्ती: पारदर्शिता के लिए बनी 7 समितियां

चेयरमैन कर्मबीर कौल ने बताया कि हाउस की बैठक में पारदर्शिता व प्रभावी निगरानी के उद्देश्य से 7 अलग-अलग समितियां गठित की गई हैं, जिनमें विभिन्न पार्षदों को संयोजक व सदस्य बनाया गया है। इन समितियों का मुख्य उद्देश्य संबंधित क्षेत्रों में विकास योजनाओं की निगरानी करना, समस्याओं की पहचान करना और समाधान के सुझाव देना है।

बैठक में 7 समितियां की गठित

हाउस बैठक में 7 अलग-अलग कमेटियों (टीमों) का गठन किया गया है। इन समितियों में जिला परिषद के पार्षदों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, चेयरमैन कर्मबीर कौल ने बताया कि पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के उद्देश्य से इन समितियों का गठन किया गया है। ताकि हर क्षेत्र में निगरानी और प्रगति सुनिश्चित की जा सके। यह सभी समितियां अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में विकास योजनाओं की निगरानी करेंगी और रिपोर्ट तैयार कर जिला परिषद के समक्ष रखेंगी।

गठित समितियां व संयोजक:

1. बाल एवं महिला कल्याण: (आंगनवाड़ी समिति)

  • मुख्य संयोजक: कमलेश रानी, सोनिया रानी
  • अन्य सदस्य: मनेजर कश्यप, सभी महिला पार्षद

2. किसान कल्याण व प्राकृतिक: (खेती समिति)

  • मुख्य संयोजक: जंग सिंह, बलजीत कौर, वीरेंद्र कोलेखां, कमलेश अन्य सदस्य: कुलदीप पाल, रितु ढुल, भारत हर्सोला, रुमिला ढुल

3. सामाजिक व देश सेवा समिति:

  • मुख्य संयोजक: फौजी करमबीर सिंह, सोनिया रानी
  • अन्य सदस्य: राकेश खानपुर, बलवान रंगा, दीपक मलिक

4. स्वास्थ्य व जनस्वास्थ्य समिति:

  • मुख्य संयोजक: सुरजीत कौर, कुलवंत बाजीगर, देवेंद्र पुजारी अन्य सदस्य: विकास तंवर, नेहा तंवर, मनेजर कश्यप, संजीव भाना, अमरजीत कसान

5. खेल व युवा कल्याण समिति:

  • मुख्य संयोजक: जितेंद्र टाया, पिंकी रानी, दीप बालू
  • अन्य सदस्य: कुलदीप पाल, करमबीर सिंह, सोनिया रानी, भारत हर्सोला, रुमिला ढुल, विजेंदर कोलेखां

6. शिक्षा व छात्र कल्याण समिति:

  • मुख्य संयोजक: अमरजीत कसान, मनीष शर्मा
  • अन्य सदस्य: संजीव भाना, बलवान रंगा

7. भूमि वसूली टीम:

  • मुख्य संयोजक: मनीष शर्मा, जितेंद्र टाया 
  • अन्य सदस्य: मनेजर कश्यप, राकेश खानपुर, श्रवण देवबन, विकास तंवर

 6.35 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मिली मंजूरी

बैठक में पार्षदों द्वारा सुझाए गए गली-नाली, चौपाल, जिम आदि से जुड़े विकास कार्यों के लिए 6.35 करोड़ रुपये का बजट सर्वसम्मति से पास किया गया। चेयरमैन ने कहा कि यह बजट फिलहाल सीमित है, लेकिन राज्य सरकार से अगले 15 दिनों में लगभग 80 करोड़ रुपये का और बजट मिलने की उम्मीद है, जिससे बाकी विकास कार्यों को भी जल्द पूरा किया जाएगा।

अनुपस्थित 6 अधिकारियों को नोटिस, जवाब संतोषजनक नहीं तो होगी कार्रवाई

बैठक में 6 विभागों के अधिकारी अनुपस्थित रहे, जिन पर चेयरमैन ने सख्ती दिखाई। उन्होंने कहा कि रोडवेज, बिजली, कृषि, जन स्वास्थ्य, मार्केटिंग बोर्ड, शिक्षा सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति सरकार को भेजी जाएगी।

हर व्यक्ति तक विकास कार्यों का पहुंचेगा लाभ: चेयरमैन कर्मबीर कौल

चेयरमैन कर्मबीर कौल ने कहा कि जिला परिषद का उद्देश्य केवल बैठकों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर गांव, हर व्यक्ति तक विकास कार्यों का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अब हर शिकायत की जांच होगी, हर कार्य की मॉनिटरिंग होगी और हर विभाग को जवाबदेह बनाया जाएगा। यह बैठक पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित के लिए एक मजबूत कदम साबित होगी।

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