जजपा की राजनीति हो चुकी है खत्म, भविष्य में नहीं आएगी कोई सीट: कृष्णमूर्ति हुड्डा

Edited By Manisha rana, Updated: 24 Dec, 2020 09:27 AM

jjp s politics is over no seat will come in future krishnamurthy hooda

हरियाणा के धुरंधर नेताओं में शुमार और 1991 से 96 तक पूर्व राज्य श्रम मंत्री रहे कृष्णमूर्ति हुड्डा जो कि कांग्रेस के सीनियर नेताओं में शुमार हैं। उनके अनुसार हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का सूर्य अस्त हो चुका है और जननायक जनता पार्टी की एक भी सीट...

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा के धुरंधर नेताओं में शुमार और 1991 से 96 तक पूर्व राज्य श्रम मंत्री रहे कृष्णमूर्ति हुड्डा जो कि कांग्रेस के सीनियर नेताओं में शुमार हैं। उनके अनुसार हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी का सूर्य अस्त हो चुका है और जननायक जनता पार्टी की एक भी सीट भविष्य में नहीं आएगी। क्योंकि बंसीलाल की भी खट्टर की तरह ही गाड़ी रोकी गई थी और उसके बाद कांग्रेस केवल 5 सीटें ही जीतने में सफल हो पाई थी।इसी प्रकार भाजपा का हाल भी होगा। यह बात पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान कृष्णमूर्ति हुड्डा ने कही। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उनके शीर्ष नेताओं के आदेश पर कांग्रेसी नेता किसानों के आंदोलन में आयोजित प्रोग्राम में जा रहे हैं। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : सत्ता पक्ष इस आंदोलन को उकसाने और भड़काने का आरोप कांग्रेस पर लगा रहा है ?
उत्तर :
 कांग्रेस ना तो उकसा रही है और ना ही भड़का रही है। केवल किसानों का समर्थन कर रही है। हमारे शीर्ष नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कुमारी शैलजा की तरफ से किसानों के प्रोग्राम में जाने के आदेश हैं। मैं और सुभाष बत्रा जी कुंडली बॉर्डर और बहादुरगढ़ के बॉर्डर पर गए थे। बहुत दुर्भाग्य की बात है कि किसानों के लिए बनाए कानूनों में किसानों से राय नहीं ली गई। ना ही सही ढंग से पार्लियामेंट में पास करवाए गए। इस सरकार ने जी.एस.टी. बनाई तो व्यापारियों से नहीं पूछा। मजदूरों के कानून बनाए तो मजदूरों से नहीं पूछा। मोदी जी हर चीज में अपने आप को मास्टर समझते हैं। अपने से बड़ा किसी को ज्ञानी नहीं मानते। जिन्हें किसानी के बारे में ए.बी.सी. नहीं आती उन्होंने अपनी मर्जी से किसानों पर यह कानून थोप दिए।

प्रश्न : किसान नेता सर छोटू लाल से आपके परिवार के नजदीकी रिश्ते रहे हैं। क्या आप जैसे परिवारों से इन कानूनों के बारे में सलाह दी जानी चाहिए थी?
उत्तर : 1928 में मेरे दो ताऊ चौधरी छोटू लाल के साथ एम.एल.सी. रहे और उनके बहुत नजदीकी रहे। लेकिन हम से भी सलाह तक नहीं की गई। बहुत दुर्भाग्य की बात है कि 40 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। प्रधानमंत्री जी के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।

प्रश्न : सर छोटू राम के नजदीकी रिश्तेदार वीरेंद्र सिंह डूमरखा का झुकाव भी अब किसानों की तरफ होता दिख रहा है। आपका क्या दृष्टिकोण है ?
उत्तर :
 देर आए दुरुस्त आए। हम उनका स्वागत करते हैं। लेकिन उन्हें यह काम काफी पहले कर देना चाहिए था। जब उन्होंने देखा कि सब कुछ सरकार के खिलाफ होता जा रहा है। तब उन्होंने यह कदम उठाया है।

प्रश्न :  हुड्डा ने गवर्नर के सामने हरियाणा विधान सभा सेशन को शीघ्र बुलाने की बात रखी है। जबकि भाजपा का कहना है कि पिछले सेशन में कृषि बिलों पर चर्चा के वक्त कांग्रेसी मैदान छोड़कर भाग गए थे?
उत्तर : कांग्रेस मैदान छोड़कर नहीं भागी कांग्रेस ने इन कानूनों का विरोध किया और वाक आउट किया था। पार्लियामेंट में इन्होंने इन बिलों पर जितनी चर्चा की आवश्यकता थी उतनी नही की ओर न ही असेंबली में की। 1987 में चौधरी बंसीलाल की गाड़ी लोक दल के कार्यकर्ताओं द्वारा रोहतक में रोकी गई थी और आगे नहीं जाने दिया गया। कल दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री की गाड़ी न केवल रोकी गई बल्कि गाड़ी पर डंडे भी मारे गए। यह किसानों के गुस्से को दर्शाता है।बंसीलाल की गाड़ी रोकने के बाद न केवल उनकी सरकार गई बल्कि कांग्रेस के केवल 5 विधायक जीत पाए। अब 2024 के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी की केवल 5 सीटें आ पाएंगी। यह लोगों का विश्वास खो चुके हैं। आज हर वर्ग चाहे छात्र हो, करमचारी हो या व्यापारी इनसे दुखी है। आज दुर्भाग्य की बात है जिन व्यापारियों से वोटों की उम्मीद करते हैं। उन्हीं को दलाल कहा जा रहा है।

प्रश्न : दिल्ली तीन ओर से हरियाणा से घिरा है। महंगाई बढ़ती जा रही है?
उत्तर :
 आज 98 हजार करोड का नुकसान हो चुका है। दिल्ली-रोहतक के आसपास फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर हैं। उनका माल नहीं जा पा रहा है। लेकिन सरकार मदहोश बैठी है। मोदी जी को अपनी हठ धर्मी छोड़ देनी चाहिए और किसानों को बाइज्जत वहां से वापस भेजने के लिए तीनों कानूनों को रद्द कर देना चाहिए।

 प्रश्न : जे.जे.पी. के स्टैंड को लेकर आपकी क्या टिप्पणी है?
उत्तर :
 जननायक जनता पार्टी अपना विश्वास खो चुकी है। लोगों ने बी.जे.पी. के खिलाफ उन्हें वोट दिए थे। लेकिन वह आज भारतीय जनता पार्टी की गोदी में बैठे हैं। किसान आंदोलन को लेकर जे.जे.पी. की दोगली नीति है। कहते कुछ और और करते कुछ और हैं। मुझे लगता है जे जे पी का वर्चस्व समाप्त हो चुका है और भविष्य में उनकी कोई सीट नहीं आएगी। उनकी राजनीति खत्म हो चुकी है।

प्रश्न : हरियाणा कृषि प्रधान क्षेत्र है। आपके जेहन में क्या बात केंद्र सरकार से की जानी चाहिए जिससे इसका समाधान हो पाए?
उत्तर : 
इन्होंने एस.वाई.एल. के मुद्दे को उठाकर बड़े ड्रामे किए। ध्यान भटकाने की कोशिश की गई। लेकिन जगह-जगह इनका विरोध हुआ। रोहतक में इनके खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। इनका ड्रामा चल नहीं पाया। मैं समझता हूं कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से किसानों की बात को स्वीकार करने के लिए आग्रह करना चाहिए। इतनी कड़ाके की ठंड में छोटे-छोटे बच्चे, घरेलू महिलाएं परिवारों के साथ बिना छत के सोने को मजबूर हैं। उनके लिए सरकार द्वारा कोई व्यवस्था तक नहीं की गई। इतने कठिन समय में यह आंदोलन कर रहे हैं। इनकी मांग तुरंत मान लेनी चाहिए।

प्रश्न : केंद्र और हरियाणा सरकार इन कानूनों को लाभप्रद और आप हानिकारक बता रहे हैं आखिर कैसे?
उत्तर : 
किसान खुद कह रहे हैं कि अगर फायदे में भी हैं तो फिर भी हमें नहीं चाहिए। अगर कृषि कानून फायदे में होते तो किसानों से जरूर मशवरा किया जाता। मोदी जी किसानी के बारे में कुछ नहीं जानते और वही कानून बना रहे हैं। तो सीधी बात है कि देश का तो भट्टा बैठ ही जाएगा। जी.डी.पी. किसानों के दम पर बढ़ती है। व्यापार किसानों के दम पर चलता है और सरकार भी किसानों के दम पर चलती हैं। अगर इन कानूनों को रदद नहीं किया गया तो देश और प्रदेश दोनों का भट्टा बैठना तय है।

प्रश्न : आप राजनीति के पुराने धुरंधर हैं। सरकार के 1 साल का आकलन कैसे करते हैं? 
उत्तर :
 यह सरकार टोटल फ्लॉप सरकार रही है। 1 साल के दौरान इस ने कुछ नहीं किया। पहले दिन से यह सरकार विवादों में रही है। सरकार ने जन विरोधी काम किए हैं। आज कर्मचारी, व्यापारी,छात्र इन से नाराज हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकार ने दो करोड़ नौकरियां देने की बात कही थी। लेकिन 6 साल में अपना कोई भी वायदा पूरा नहीं कर पाए। आने वाला समय भी इस सरकार के लिए बहुत खराब रहेगा।

 

 

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