शिक्षा निर्देशालय को जर्जर स्कूलों की हालत में सुधार करने के जारी किए निर्देश

Edited By Isha, Updated: 20 Nov, 2019 10:27 AM

instructions issued directorate education dilapidated schools

स्मार्ट सिटी के जर्जर स्कूलों की मरम्मत पर शिक्षा विभाग जल्द ही 11.20 लाख रुपए खर्च करेगा। ऐसे निर्देश शिक्षा निदेशालय के प्रधान सचिव महावीर सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारियों को देते हुए सभी......

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : स्मार्ट सिटी के जर्जर स्कूलों की मरम्मत पर शिक्षा विभाग जल्द ही 11.20 लाख रुपए खर्च करेगा। ऐसे निर्देश शिक्षा निदेशालय के प्रधान सचिव महावीर सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारियों को देते हुए सभी जर्जर स्कूलों का इस्टीमेट मांगा है। उल्लेखनीय है कि अनंगपुर, बडकल गांव, गोछी, इंदिरा नगर, मोहना, तिगांव, फरीदपुर, प्रेस कॉलोनी, दयालपुर स्थित राजकीय स्कूलों की हालत बद से बदतर है।

यहां बच्चें खुले में बैठकर शिक्षा गृहण करने को मजबूर हैं। हाल ही में जर्जर स्कूल भवनों के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदेश के शिक्षा निर्देशालय को जर्जर स्कूलों की हालत में सुधार करने के निर्देश जारी किए थे जिसके बाद ही विभाग हरकत में आया और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कराने की योजना पर काम कर रहा है। ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि पिछले महीने  वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय को शहर के 8 स्कूलों की खास्ता हालत को लेकर पत्र लिखा था।

अदालत ने उस पत्र को संज्ञान में लेते हुए याचिका दायर करने का आदेश िदया। इसके बाद उक्त मामलों को लेकर अदालत में याचिका दायर की गई। इसमें 1 नवंबर को पहली सुनवाई हुई। उसमें अदालत ने 18 नवम्बर को अगली तारीख तय की और इसमें शिक्षा निदेशालय के प्रिंसिपल सेक्रेट्री को भी तलब किया। कैलाश शर्मा के अनुसार 18 नवम्बर को याचिका पर हुई दूसरी सुनवाई में पेश होते हुए प्रिंसिपल सेक्रेट्री ने एफि डेविट पेश किए। इसमें उन्होंने सभी जर्जर स्कूलों में 11.20 करोड़ की लागत से मरम्मत कार्य कराने की बातें कही है।

याचिकाक र्ता अशोक अग्रवाल ने बताया कि अब इस मामले अगली सुनवाई 6 फ रवरी को है। सोमवार को अदालत से सुनवाई के दौरान मांग की गई थी कि अदालत एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित कर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की जांच कराए। क्योंकि प्रदेश में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां की हालत खास्ता है। वहां छात्रों के लिए मूलभूत सुविधा की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि अदालत ने अगली सुनवाई पर इस मांग पर चर्चा करने की बातें कही है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से मोबाइल फ ोन पर बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फ ोन रीसिव नहीं किया।

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