महिला रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति होते ही संस्थागत डिलीवरी ने तोडा रिकॉर्ड

Edited By kamal, Updated: 09 Apr, 2019 06:50 PM

institutional delivery of broken records by women s disease experts

अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में पुरुष डॉक्टरों की बजाय महिला डॉक्टरों द्वारा डिलीवरी कराने की खबर जैसे ही नूंह जिले की गर्भवती महिलाओं को लगी...

नूंह मेवात (ऐके बघेल): अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में पुरुष डॉक्टरों की बजाय महिला डॉक्टरों द्वारा डिलीवरी कराने की खबर जैसे ही नूंह जिले की गर्भवती महिलाओं को लगी तो उनकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले में जब तक डिलीवरी की जिम्मेवारी की जिम्मेवारी पुरुष डॉक्टरों के हाथों में रही तो महिलाएं एवं उनके परिजन सरकारी अस्पतालों से कतराते रहे।

PunjabKesari, delivery, women, disease

पिछले एक महीने में तो सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा ने डिलीवरी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। जहां महीने में 100-150 डिलीवरी होती थी, वहीँ मार्च माह में करीब 300 महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया। खास बात यह रही कि अगर आपरेशन की नौबत भी आई तो खून की कमी से लेकर अन्य जरूरतों को भी पांच महिला डॉक्टरों ने पूरा कर मरीज को रैफर तक भी नहीं किया। करीब 14 वर्ष के हो चुके नूंह जिले के इतिहास में यह पहला अवसर है , जब एक अस्पताल में एक नहीं बल्कि पांच महिला डॉक्टर हैं।

PunjabKesari, delivery, women, disease

सिविल सर्जन डॉक्टर राजीव बातिश ने बताया कि करीब ढाई-ढाई लाख रुपये के प्रति माह वेतन पर एनएचएम के तहत दो महिला डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है, तो दो डॉक्टर कुछ दिनों पहले ही गुरुग्राम से नूंह भेजी गई हैं। इसके अलावा उपायुक्त पंकज यादव की धर्मपत्नी डॉक्टर मोनिका यादव भी महिला डॉक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। डॉक्टर ज्योति डबास,  डॉक्टर हरप्रीत कौर, डॉक्टर चन्ना, डॉक्टर निवेदिता इस काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं।

PunjabKesari, delivery, women, disease

आपको बता दें कि नूंह (मेवात) जिले की आबादी करीब 14 लाख है। महिलाओं में खून की कमी बहुत ज्यादा है, दूसरे जिलों की तुलना में बच्चों की संख्या यहां ज्यादा है। तत्कालीन पीएम देवगौड़ा के ज़माने में अल आफिया अस्पताल का काम शुरू हुआ,  लेकिन कई दशकों से यह महिला डॉक्टरों के लिए तरसता रहा। अकसर महिला डॉक्टरों की कमी और बदइंतजामी की वजह से यह अस्पताल सुर्ख़ियों में रहा, परंतु मौजूदा समय में मेवात की महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है।

PunjabKesari, delivery, women, disease

सिविल सर्जन डॉक्टर राजीव बातिश ने कहा कि लगातार महिला डॉक्टरों की मांग को देखते हुए यह कदम स्वास्थ्य विभाग ने उठाये और इसके अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं। सीएमओ ने बताया कि शिशु - मृत्यु दर में जो कमी मेवात में दर्ज की गई है, उसकी लिए लोगों में जागरूकता और स्वास्थ्य विभाग की मेहनत को कम नहीं आंका जा सकता। अब मेवात में बहुत ही कम जच्चा - बच्चा की मौत की बात सामने आ पाती हैं। दिन प्रतिदिन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जा रहा है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!