Edited By vinod kumar, Updated: 31 May, 2021 08:11 PM
जून माह के पहले पखवाड़े में हरियाणा में व्यापक स्तर पर आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचसीएस अधिकारियों के तबादले होने के संकेत हैं। लगभग सवा साल से कोरोना से जूझ रहे प्रदेश में होने वाले अधिकारियों के तबादले का पैमाना अधिकारियों की कार्यप्रणाली को ही रखा...
चंडीगढ़ (धरणी): जून माह के पहले पखवाड़े में हरियाणा में व्यापक स्तर पर आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचसीएस अधिकारियों के तबादले होने के संकेत हैं। लगभग सवा साल से कोरोना से जूझ रहे प्रदेश में होने वाले अधिकारियों के तबादले का पैमाना अधिकारियों की कार्यप्रणाली को ही रखा जा रहा है। पुख्ता सूत्रों के अनुसार हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत आलाधिकारी फील्ड में नियुक्त आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचपीएस अधिकारियों की रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में लगे हैं। हरियाणा में यह तबादले केवल जिला मुख्यालय पर ही नहीं बल्कि हरियाणा सचिवालय चंडीगढ़ व विभिन्न विभागों के निदेशालय के अधिकारियों के भी होने की चर्चा है।
जानकारी के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर काफी तीव्र और भयावह रही। जिसमें प्रशासन और सरकार दोनों ने गंभीर चुनौतियों का सामना किया। खासतौर पर अस्पतालों में बैड, ऑक्सीजन व अन्य जरूरती दवाइयां व इंजेक्शन को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ऐसी स्थितियों को सही तरीके से हैंडल न कर पाने वाले कई आलाधिकारियों को सरकार किनारा कर सकती है।
ऐसी ही स्थिति सरकार के आदेशों के क्रियान्वयन करने में चूक करने वाले अधिकारियों पर भी हो सकती है। हरियाणा में ऑक्सीजन का भयंकर संकट उभरने की स्थिति प्रशासन के हाथ-पांव फूले। सरकार ने युद्ध स्तर पर कोशिशें कर ऑक्सीजन के इंतजाम किए। प्राइवेट अस्पतालों में कई जगह इलाज के नाम पर ओवर चार्जिंग की घटनाओं से भी सरकार आहत है। हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज व विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बार-बार प्राइवेट अस्पतालों को मनमाने दाम वसूलने पर चेतावनी भी दी। सरकार द्वारा निर्धारित रेटों की सूची भी कई बार जारी की गई। उसके बावजूद काफी मामले मीडिया में प्रकाशित व प्रसारित होते रहे।
हरियाणा में मलाईदार पोस्टिंग पर बैठे कई अधिकारियों ने ट्रांसफर की सुगबुगाहट को देखते हुए अपने राजनीतिक और प्रशासनिक आकाओं की परिक्रमा शुरू कर दी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा के एक जिले के उपायुक्त की जिस तरह से तारीफ की गई, ऐसे अन्य काम करने वाले अधिकारियों को सरकार शाबाशी व इनाम भी दे सकती है। दवाइयों के मामले में कालाबाजारी रोकने व अन्य लापरवाही के कारण कई अधिकारियों पर गाज भी गिरने की चर्चा है।
तीन कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन तथा किसानों के प्रदर्शनों के मामलों में चूक करने वाले अधिकारियों की मलाईदार पोस्टिंग भी छीनी जा सकती है। आमतौर पर आईएएस, आईपीएस, एचसीएस, एचसीएस के तबादले होना एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन इन तबादलों का पैमाना अलग होगा यह माना जा रहा है। कोविड की दूसरी लहर आने की संभावनाएं पहले से ही थी। लेकिन कई जिलों में तैनात अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र में पहली लहर के बाद व्यापक स्तर पर तैयारियां करने में कहीं ना कहीं लापरवाही की है। उन पर भी गाज गिर सकती है।
हरियाणा के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में जहां सरकार ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाने व उन्हें जल्दी शुरू करने के लिए तत्पर है। वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को भी अल्टीमेटम ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने के लिए 6 महीने का अल्टीमेटम दे दिया है। ऐसी भी जानकारियां मिल रही है कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में 50 से अधिक विभिन्न नए अस्पताल बने। उन अस्पतालों की एनओसी तब तक रोक दी गई है, जब तक उनमें ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं स्थापित कर लिए जाते।