अनपढ़ और अंगूठा छाप नहीं लड़ सकेंगे नगर निकाय चुनाव, 10 वीं पास होना आवश्यक

Edited By Isha, Updated: 04 Dec, 2020 03:00 PM

illiterate and thumb impression will not be able to contest municipal elections

हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश के तीन नगर निगमों- अम्बाला, पंचकूला और सोनीपत  और रेवाड़ी नगर परिषद एवं तीन नगर पालिकाओं- उकलाना, सांपला और धारूहेड़ा के आम चुनावो की घोषणा कर दी गयी है। तीन सप्ताह बाद   27 दिसम्बर रविवार को उक्त नगर...

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश के तीन नगर निगमों- अम्बाला, पंचकूला और सोनीपत  और रेवाड़ी नगर परिषद एवं तीन नगर पालिकाओं- उकलाना, सांपला और धारूहेड़ा के आम चुनावो की घोषणा कर दी गयी है। तीन सप्ताह बाद   27 दिसम्बर रविवार को उक्त नगर निकायों का  हर  मतदाता दो-दो वोट डालेगा - एक अपने   अपने वार्ड का  पार्षद चुनने के लिए और  दूसरे  अपने  नगर निगम/परिषद/पालिका  के  मेयर/अध्यक्ष  के चुनाव के लिए.  इस बार मेयर /अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष अर्थात सीधे रूप से शहर के मतदाताओ द्वारा ही किया जाएगा।

इसी बीच  पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि नगर निगम (संशोधन ) कानून, 2016 और नगर पालिका (संशोधन) कानून, 2016  द्वारा हरियाणा  नगर निगम कानून, 1994 की धारा 8 और हरियाणा नगर पालिका कानून, 1973 की धारा 13 में किये गए संशोधन के बाद   निगम/परिषद/पालिका  पार्षद का चुनाव ( वर्ष 2018 के बाद मेयर/अध्यक्ष  का सीधा चुनाव भी ) लड़ने वाले हर भावी उम्मीदवार के लिए न्यूनतम मेट्रिक (दसवीं ) पास होना आवश्यक है. हालांकि अनुसूचित जाति (एस.सी. ) वर्ग के पुरुष  और हर वर्ग की महिला के लिए  चुनाव लड़ने के लिए कम से कम आठवीं पास होना आवश्यक है।

इसी प्रकार अनुसूचित जाति वर्ग कि महिला उम्मीदवार के लिए पांचवी पास होना जरूरी है. पिछड़ी जाति (बीसी ) के उम्मीदवार के  लिए कोई रियायत नहीं है एवं बीसी पुरुष प्रत्याशी को दसवीं पास और बीसी महिला उम्मीदवार को आठवीं पास होना चाहिए।  हालांकि हेमंत ने बताया कि दो वर्ष पूर्व जब सितम्बर, 2018 में प्रदेश की नगर निगमों के मेयर और गत वर्ष 2019 में नगर परिषदों /पालिकाओं के अध्यक्ष  के सीधे चुनाव का प्रावधान किया गया था, तो अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार द्वारा  मेयर/अध्यक्ष  पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए अनुसूचित जाति पुरुष की ही तरह  आठवीं पास होना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि अनुसूचित जाति की महिला के लिए वार्ड का पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए पांचवी पास जबकि  मेयर/अध्यक्ष  पद के लिए आठवीं पास होना होगा।


इसके अतिरिक्त अगर किसी व्यक्ति को  अदालत द्वारा किसी क्रिमिनल (फौज़दारी ) केस में  दस वर्ष की जेल की सजा हो चुकी हो  अथवा उसके विरूद्ध ऐसे किसी आपराधिक मामले में चार्जेज फ्रेम (आरोप तय ) किये गए हैं जिसमें उसे दोषी साबित होने पर कम से कम दस वर्ष का कारवास हो सकता है, वह भी  मेयर/अध्यक्ष  या पार्षद का चुनाव नहीं लड़ पायेगा। इसके अलावा अगर उस किसी व्यक्ति का प्राथमिक कृषि कोपरेटिव ( सहकारी) सोसाइटी, जिला केंद्रीय कोआपरेटिव बैंक या जिला प्राथमिक सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंक के प्रति किसी प्रकार के भुगतान की  देनदारी है, तो वह भी मेयर या पार्षद न चुनाव नहीं लड़ सकेगा। इसी प्रकार बिजली बिलो का भुगतान न करने वाला व्यक्ति भी उक्त चुनाव नहीं लड़ सकेगा।

इसके अतिरिक्त अगर भावी उम्मीदवार  यह स्वत: घोषणा करने में असफल रहा है कि उसके घर/निवासी स्थान पर कार्यशील टॉयलेट (शौचालय ) है, तब भी उसे उक्त चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा। हेमंत ने बताया कि बीते माह 24 नवंबर 2020  को हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमो और हरियाणा नगर पालिका निर्वाचन नियमों  में संशोधन कर हर उम्मीदवार द्वारा अपने निर्वाचन फॉर्म के साथ  संलग्न एफिडेविट (हलफनामों )  के प्रारूप में भी संशोधन किया गया है एवं अब इन्हे लोक सभा सांसद और विधायक का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के वर्तमान स्वरुप जैसे ही कर दिया गया है.

 

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