Edited By vinod kumar, Updated: 24 Nov, 2020 06:45 PM
दिल्ली कूच करके सरकार से भिड़ने जा रहे किसानों के रास्ते में पुलिस प्रशासन बड़ी दीवार बनकर खड़ा हो गया है। कानून व्यवस्था की दलीलें देते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारी किसानों को किसी भी कीमत पर दिल्ली में नहीं घुसने देने की बात कह रहे हैं, और टकराव...
करनाल (केसी आर्या): दिल्ली कूच करके सरकार से भिड़ने जा रहे किसानों के रास्ते में पुलिस प्रशासन बड़ी दीवार बनकर खड़ा हो गया है। कानून व्यवस्था की दलीलें देते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारी किसानों को किसी भी कीमत पर दिल्ली में नहीं घुसने देने की बात कह रहे हैं, और टकराव की स्थिति पैदा करने पर सख्ती निपटने की चेतावनी दे रहे हैं। करनाल की आईजी भारती अरोड़ा ने किसानों को दो टूक शब्दों में कहा है कि 25 तारीख को किसान एकजुट होंगे, और 26 तारीख को किसान दिल्ली कूच करेंगे, लेकिन पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है, इसलिए कानून व्यवस्था को देखते हुए ना ही किसानों को एकजुट होने दिया जाएगा और ही किसी किसान को दिल्ली में घुसने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था खराब ना हो इसके लिए पुलिस और प्रशासन तैयारी कर रहा है। आईजी ने कहा कि कानून व्यवस्था खराब करने पर किसानों को हिरासत में लिया जाएगा और दिल्ली नहीं जाने दिया जाएगा। इसके साथ उन्होंने कहा कि लोग 26 नवम्बर को हाईवे पर जाने से बचें। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वह टकराव की स्थिति पैदा ना करें।
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों में भारी विरोध है। किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मांगों को लेकर सरकार की नजरअंदाजी को देखते हुए किसानों ने 26 नवंबर को दिल्ली कूच करने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, किसान नेताओं का आरोप है कि कोरोना व अन्य कारणों को लेकर सरकार जानबूझकर किसानों को रोकेगी, और उन पर लाठियां बरसाएगी, लेकिन इस बार किसान हर कीमत पर दिल्ली पहुंचेगा।
कुल मिलाकर सरकार कृषि कानूनों के पक्ष में खड़ी है, तो किसान विरोध पर अड़े हुए हैं। पुलिस प्रशासन हर हाल में कानून व्यवस्था बनाए रखने का दम भर रहा है, जिसके चलते ये तय है कि किसानों का दिल्ली कूच बिना टकराव के सफल नहीं होगा। फिलहाल पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार किसानों से अपील की जा रही है और कई नेताओं की गिरफ्तारी भी हो गई है। मगर दिल्ली कूच का आंदोलन अभी भी किसानों के सिर चढ़कर बोल रहा है, जो प्रशासन और सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।