आखिर कैसे मिटेंगे लोगों के कष्ट? कैथल में एक साल से नहीं हुई कष्ट निवारा समिति की बैठक, लोगों को जाना पड़ रहा विज दरबार

Edited By Manisha rana, Updated: 16 Feb, 2024 10:52 AM

how will people s suffering end

जनता के कष्ट हरने और बेपरवाह अधिकारियों पर लगाम लगाने के लिए जिले में बनाई गई कष्ट निवारण समिति पिछले एक साल एक महीने से फरियादियों के लिए कष्टदायी बनी हुई है। ऐसा हम इस लिए कह रहें है क्योंकि लोगों को अपनी छोटी से लेकर बड़ी समस्याओं के लिए लम्बा सफ़र...

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : जनता के कष्ट हरने और बेपरवाह अधिकारियों पर लगाम लगाने के लिए जिले में बनाई गई कष्ट निवारण समिति पिछले एक साल एक महीने से फरियादियों के लिए कष्टदायी बनी हुई है। ऐसा हम इस लिए कह रहें है क्योंकि लोगों को अपनी छोटी से लेकर बड़ी समस्याओं के लिए लम्बा सफ़र तय कर अनिल विज के दरबार अम्बाला में जाना पड़ रहा है। जबकि नियमों के अनुसार जिले में कष्ट निवारण समिति की बैठक महीने में एक बार होनी जरुरी है। इस बैठक में जनता को अपनी तमाम ऐसी शिकायतें रखने का प्रावधान है। जिनका आम तौर पर जिले के उच्च अधिकारी भी हल नहीं निकाल पाते।

इसके लिए बकायदा सरकार के एक मंत्री को इसका प्रभारी बनाया जाता है। ताकि वह जनता की शिकायतों को सुन संबंधित अधिकारियों पर नकेल कस फरियादियों को न्याय दिला सके। लेकिन इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस बात से बेपरवाह हैं की आखिर जिले में कष्ट निवारण समिति की बैठक क्यों नहीं हो रही। इसका जवाब खुद कैथल डीसी प्रशांत पंवार के पास भी नही है। इस लिए जब फरियादी को जिले में न्याय नही मिलता तब वह सीधा विज दरबार का रुख करते हैं। इनमें ज्यादतर शिकायतें पुलिस विभाग की होती हैं। जिनपर स्वयं गृहमंत्री एसपी को फ़ोन करके कार्रवाई करवाते हैं। इसलिए जिला कष्ट निवारण समिति जनता के लिए कष्टदायी बनी हुई है।

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मंत्री संदीप सिंह को कैथल का बनाया हुआ प्रभारी, 13 महीने पहले ली थी मीटिंग

बता दें कि महिला कोच के यौन उत्पीड़न के आरोपी राज्यमंत्री संदीप सिंह के पास कैथल का प्रभार है। लेकिन एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी वह कैथल में कष्ट निवारण समिति की बैठक नहीं कर पाए हैं। उन्होंने अंतिम बार बैठक 19 दिसंबर 2022 को ली थी। इसके बाद जिले में कोई बैठक नहीं हुई। गौरतलब है कि जब मंत्री बैठक लेने में असमर्थ होते हैं तो फिर जिले के डीसी को बैठक लेने का अधिकार रहता है। परन्तु इतना लम्बा समय बीत जाने के बाद भी जिले के डीसी भी बैठक नही ले रहे। इससे ज्यादा दिक्कत फरीयादियों को हो रही है उनकी समस्या सुनने मंत्री जी पिछले 13 महीनों से कैथल नही आए। इसलिए उनकी समस्याएं सुनवाई के अभाव में वंचित हैं।

सरकार ने भाजपा और जजपा के 38 सदस्यों की बनाई है जिले कमेटी

सरकार ने जिले में 38 गैर सरकारी सदस्यों की कष्ट निवारण समिति में नियुक्ति की है। इसमें लगभग सभी सदस्य बीजेपी व जजपा से संबंध रखने वाले कार्यकर्ता हैं। जनता के लिए बनाई गई इस नई ग्रीवांस कमेटी का लाभ भी तभी है जब जिला में कष्ट निवारण समिति की बैठक होगी। खास बात ये है की नई कमेटी के सदस्यों को भी नही मालूम कि आखिर जिले में कष्ट निवारण समिति की बैठक कब होगी। इस बारे में कोई भी बीजेपी व जजपा का नेता भी कोई जानकारी बताने को तैयार नही है।  

किसान आन्दोलन के बाद बैठक के लिए लिखेगें पत्र: डीसी

जब इस मामले में कैथल डीसी प्रशांत पंवार से बात की गई तो उन्होंने कहा की उनके द्वारा रोज लोगों की समस्याएं सुनी जाती है। अब तक कष्ट निवारण समिति की बैठक क्यों नही हुई इसके बारे में उन्हें नही मालूम। अब उनके संज्ञान में मामला आ गया है, जल्द ही किसान आन्दोलन के बाद बैठक के लिए पत्र लिखा जाएगा।

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