हुड्डा में ऊर्जा भर गई सिरसा की किसान- मजदूर जनाक्रोश रैली, भीड़ का ठाठे मारता समुद्र देख हुए खुश

Edited By Isha, Updated: 26 Dec, 2023 03:59 PM

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बेशक हरियाणा में राजनीतिक गुटबाजी से परेशान हों लेकिन उनकी रैलियों और विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रमों में जुटने वाली भीड़ इस बात की तसदीक कर देती है कि इस बुजुर्ग नेता का जलवा पूरे हरियाणा में आज भी बरकरार है और...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा बेशक हरियाणा में राजनीतिक गुटबाजी से परेशान हों लेकिन उनकी रैलियों और विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रमों में जुटने वाली भीड़ इस बात की तसदीक कर देती है कि इस बुजुर्ग नेता का जलवा पूरे हरियाणा में आज भी बरकरार है और लोगों के सिर चढक़र बोलता है। हरियाणा के एक छोर पर बसे सिरसा मुख्यालय पर 24 दिसंबर की किसान, मजदूर, जनाक्रोश रैली में उमड़ी हजारों लोगों की भीड़ का ठाठें मारता समुद्र देखकर हुड्डा पिता-पुत्र पूरी तरह से गद्गद दिखाई दिए।

सिरसा जिले के हर गांव से बसों में भरकर लोग रैली में शामिल होने आए और अंत तक बैठे रहे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रैली के माध्यम से घोषणा की कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर शहीद किसानों के पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस रैली में खास बात यह रही कि हुड्डा के समर्थक तमाम नेताओं ने रैली को कामयाब करने के लिए दिन-रात एक किया हुआ था। बड़ी बात यह भी रही कि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के गृहजिला और गढ़ में हुड्डा सफल रैली करके अपनी पकड़ की मजबूती को दिखा गए। यह कांग्रेसजनों के लिए भी उत्साह भरने वाली रैली थी जिसमें कार्यकर्ताओं ने हुड्डा को अगले सीएम के तौर पर बताते हुए उनके पक्ष में जोरदार नारे लगाए।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा की इस रैली के किसानों के लिए भी खास मायने हैं। चूंकि हरियाणा में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है और किसान पिछले काफी समय से एमएसपी पर फसल खरीद की मांग करते आ रहे हैं। ऐसे में किसान की दुखती रग को छूने के लिए हुड्डा ने यह रैली की जिसमें बड़ी संख्या में किसान भी उपस्थित रहे। हरियाणा की राजनीति में किसानी का मुद्दा सदैव खास रहता है और यहां के किसान किसी भी सरकार को लाने या बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शहीद किसानों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का वादा करके पूर्व सीएम ने उनके परिवारों को अपने साथ जोडऩे का सफल प्रयास किया है।
इस रैली की कामयाबी के लिए जूनियर हुड्डा यानी सांसद दीपेंद्र ने भी भरपूर मेहनत की। उन्होंने सिरसा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं जाकर रैली का न्यौता दिया तो बाकी नेता भी साथ जुड़ गए। पूर्व सीएम हुड्डा के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह ने रैली को सफल बनाने के लिए काफी प्रयास किए थे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने भाषण के दौरान कई बार डॉ. केवी सिंह का नाम लिया और उनका सियासी कद बढ़ा दिया। लोकसभा के चुनाव सिर पर होने के चलते पूर्व सीएम ओपी चौटाला के गृहक्षेत्र में हुड्डा ने रैली करके ऐन मौके पर चौका मार दिया है। सिरसा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और यहां चुनाव लडऩे के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा का नाम काफी ऊपर चल रहा है। सैलजा के हुड्डा से राजनीतिक मतभेद किसी से छिपे नहीं हैं। ऐसे मेंकभी सैलजा के संसदीय क्षेत्र रहे सिरसा में रैली करके हुड्डा ने अपना दबदबा स्पष्ट कर दिया है।

हरियाणा में दो प्लान से बीजेपी सत्ता में है। पिछले प्लान में वह बहुमत से सरकार बनाने में सफल हुई थी लेकिन दूसरे प्लान में उसे जजपा का साथ लेना पड़ा था और दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम का पद भी देना पड़ा था। सत्ता से 10 साल से दूर हुड्डा इस बार सरकार बनाने के लिए एडी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं। सडक़ से सदन तक वे सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूकते। हुड्डा जानते हैं कि तीन प्रमुख राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद इसका असर हरियाणा में भी दिख सकता है इसलिए वे किसी तरह की चूक नहीं करना चाहते और पूरे हरियाणा में अनवरत घूमकर हालात जान रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने ‘विपक्ष आपके समक्ष’ के नाम पर कई सफल आयोजन करके अपनी सियासी ताकत का अंदाजा दे दिया है। 
 
 

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