Edited By Manisha rana, Updated: 23 Nov, 2024 10:27 AM
खेल मैदान पर छाने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी नेहा गोयल अब अपनी जिंदगी की नई पारी शुरू करने जा रही हैं। आठ साल के प्यार को अरेंज मैरिज के रूप में परवान चढ़ने की खुशी नेहा के चेहरे की रंगत को और बढ़ा रही है।
सोनीपत : खेल मैदान पर छाने के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी नेहा गोयल अब अपनी जिंदगी की नई पारी शुरू करने जा रही हैं। आठ साल के प्यार को अरेंज मैरिज के रूप में परवान चढ़ने की खुशी नेहा के चेहरे की रंगत को और बढ़ा रही है। महिला एशिया चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर लौटने के बाद अब वह शादी की रस्मों को निभाने में जुटी हुई है। शुक्रवार सुबह नेहा गोयल की शादी की लग्न पत्रिका लिखी गई तो शाम को हल्दी की रस्म अदा की गई।
सोनीपत के वेस्ट रामनगर निवासी ओलंपियन नेहा गोयल ने महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतरीन प्रदर्शन किया और भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई। ट्रॉफी जीतने के बाद नेहा अब सोनीपत पहुंचकर दो दिन बाद होने वाली अपनी शादी की रस्मों को निभाने में जुट गई हैं। नेहा गोयल 24 नवंबर को करनाल के राष्ट्रीय स्तर के हॉकी खिलाड़ी सुनील के साथ सात फेरे लेंगी।
कड़े संघर्ष से लिखी जिंदगी की गाथा
नेहा गोयल ने महज सात वर्ष की छोटी सी आयु से अपने संघर्ष की शुरुआत की थी। नेहा बताती हैं कि वह तीन बहनें हैं। मां सावित्री देवी ने हमारा पालन पोषण किया। हमारी छोटी-छोटी खुशियों को पूरा करने के लिए उन्होंने फैक्ट्री में काम किया। वह जब छठी कक्षा में थी तो यह सोचकर हॉकी स्टिक थामी थी कि अच्छे जूते और कपड़े मिलेंगे। यह कभी नहीं सोचा था कि यह हॉकी स्टिक उनकी जिंदगी ही बदल देगी। नेहा गोयल आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है और एक सितारा बनकर चमक रही हैं।
ऐसे हुई सुनील से मुलाकात
नेहा ने बताया कि करीब नौ साल पहले अंडर-17 के राष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेलने गए थे। वहां सुनील के साथ मुलाकात हुई थी। जहां से हमारी दोस्ती शुरू हुई। वह सुनील को प्यार से सुक्कड़ बोलती थी। उनकी आठ साल की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला। उन्होंने बताया कि सुनील का स्वभाव बेहद शांत और मिलनसार है। वह बहुत केयरिंग भी हैं। वह कोलकाता में कैग में ऑडिट की पोस्ट पर नौकरी करते हैं। शादी के बाद वह दिल्ली में ट्रांसफर ले लेंगे। नेहा गोयल ने कहा है कि वर्ष 2015 में उनके पैर में इंजरी हुई थी तो वह अंदर टूट गई थी। डॉक्टर ने उन्हें भविष्य में खेलने के लिए मना कर दिया था। तब सुनील ने बहुत मदद की थी। नेहा को डॉक्टर के पास ले जाकर फिजियोथेरेपी से लेकर इलाज तक में मदद की। इससे वह दोबारा मैदान में उतर सकी।
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