यहां बिना परमिट रूट के ही चल रही प्राइवेट बसें, पढ़ें खबर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 09 Jul, 2017 02:56 PM

here private buses are running without root read news

एक ओर तो जहां हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सरकार की उस नीति का ...

कैथल : एक ओर तो जहां हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सरकार की उस नीति का विरोध कर रहे हैं जिसके तहत सहकारी समितियां यानि प्राइवेट बस परमिटों को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं स्वयं राज्य सरकार के अधिकारी प्राइवेट बस मालिकों व समितियों के साथ मिलीभगत करके सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं। हाल ही में ऐसा प्रकरण उजागर हुए है जिसके तहत जानकारी मिली है कि कुछ प्राइवेट बसें ऐसे रूट पर चल रही हैं जिस समय रोडवेज की बसें या अधिकृत तौर पर प्राइवेट बसें चलती हैं। कैथल से नरवाना, कैथल से जींद व खनौरी तक ऐसी बसों के बारे में विभागीय कार्रवाई अतीत में होती रही है। पूरे राज्य की बात करें तो सरकार को लगाए जा रहे चूने की राशि असीमित हो सकती है। आर.टी.ए. अधिकारियों व कर्मचारियों की बड़ी मिलीभगत से इसी प्रकार का मामला अम्बाला डिपो से उजागर हुआ जिसमें एक बस इस्माईलाबाद से अम्बाला आवागमन करती है।

बस के पास परमिट भी नहीं
इस सहकारी बस की ओर करीब 50 लाख रुपया बतौर कर अभी भी बकाया खड़ा है जिसे वसूल करने में सरकारी मशीनरी नाकाम रही है। बस स्टैंड अम्बाला की कोई फीस जमा नहीं करवाई जा रही तथा बस के पास परमिट भी नहीं है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार दि सिंह सहकारी टी.पी.टी. समिति की बस संख्या एच.आर. 37-सी-9033 के पास कोई परमिट नहीं है और न ही मासिक यात्री कर के रूप में 10375 रुपए मासिक तौर पर सरकारी खजाने में जमा करवाए जा रहे हैं। स्वयं रोडवेज रिकार्ड बताता है कि इस संख्या का नाम बसों की समय सारिणी में भी नहीं है। अम्बाला व इस्माईलाबाद से इस बस की रवानगी ठीक उसी समय होती है जब कोई रोडवेज बस चलने वाली होती है ताकि उसके पहुंचने से पहले ही सवारी उठाई जा सकें। इसी प्रकार सायं 6 बजे के बाद अम्बाला शहर बस स्टैंड से कैथल की ओर आने वाली बसों की कमी का लाभ उठाकर यह बस चलती है। रिकार्ड अनुसार हर तिमारी भरे जाने वाला 7500 रुपए का रोड टैक्स भी इस बस के नाम जमा नहीं है।

सरकार किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची
रात को यह बस जखवाला गांव में ठहराव करती है। बता दें कि ऐसी समितियों संबंधी नीति वर्ष 1991 में शुरू की गई थी जो समय समय पर यानि 2001,2013 व 2016 में बदली जाती रही आज भी सरकार किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है। राज्य का रोडवेज कर्मचारी प्राइवेट बसों के परमिटों की संख्या बढ़ाने पर पहले ही चक्का जाम कर चुका है। इस फर्जीवाड़े बारे महाप्रबंधक हरियाणा रोडवेज अम्बाला शहर के अधिकृत अधिकारी ने कहा है कि यह फर्जीवाड़ा विभागीय जानकारी में नहीं है इसलिए इसकी जांच की जाएगी। उधर दि सींह सहकारी टी.पी.टी. समिति के प्रधान त्रिलोक सिंह से उनके मोबाइल 94162-26026 व 94163-02179 पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। यह दोनों ही फोन उक्त बस पर प्रधान के नाम से लिखे गए हैं।

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