Edited By Manisha rana, Updated: 03 Apr, 2024 01:47 PM
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बड़ी राहत देते हुए करनाल विधानसभा सीट के उपचुनाव को चुनौती देने वाली याचिका रद्द कर दी है। याचिका के रद्द होने के साथ उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।
चंडीगढ़ (धरणी) : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बड़ी राहत देते हुए करनाल विधानसभा सीट के उपचुनाव को चुनौती देने वाली याचिका रद्द कर दी है। याचिका के रद्द होने के साथ उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि अभी यह फैसला एक जनहित याचिका पर हुआ है। बीते कल हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस सीट पर 25 मई को उपचुनाव होना हैं। बीजेपी ने हरियाणा सीएम नायब सैनी को यहां से कैंडिडेट बनाया है।
हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम होने की दलील देते हुए चुनाव रद्द करने की मांग की गई थी। इस याचिका में बीते दिनों आए महाराष्ट्र के अकोला उप-चुनाव को रद्द करने के मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बैंच के फैसले को आधार बनाया गया है। वहां पर विधानसभा कार्यकाल एक वर्ष से कम होने के चलते उपचुनाव रद्द करने का आदेश जारी किया गया था।
करनाल विधानसभा सीट पूर्व CM मनोहर लाल खट़्टर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। नायब सैनी को हरियाणा का सीएम बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर विधायक बनना जरूरी है। चूंकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल अभी इससे ज्यादा बचा है, इसलिए चुनाव लड़कर जीतना उनकी मजबूरी है।
HC ने चुनाव आयोग से मांगा था जवाब
हरियाणा के नए सीएम नायब सैनी की उम्मीदवारी वाली करनाल सीट पर विधानसभा उप-चुनाव के खिलाफ याचिका को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को मंजूर कर लिया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग समेत केस से जुड़े दूसरे पक्षों को नोटिस जारी कर 30 अप्रैल तक जवाब देने को कहा गया था। नियम के तहत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151A के अनुसार यदि विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से कम है तो चुनाव आयोग के पास उपचुनाव कराने का अधिकार नहीं होता है।
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