Edited By Isha, Updated: 20 Feb, 2020 09:05 AM
हरियाणा पुलिस ने साइबर क्राइम के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी कर नागरिकों से अनुरोध किया है कि फास्ट टैग वॉलेट को रजिस्टर या एक्टिवेट करते समय विशेष सतर्कता बरतें...
चंडीगढ़ : हरियाणा पुलिस ने साइबर क्राइम के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी कर नागरिकों से अनुरोध किया है कि फास्ट टैग वॉलेट को रजिस्टर या एक्टिवेट करते समय विशेष
सतर्कता बरतें, क्योंकि कुछ धोखेबाज मदद करने के बहाने बैंक खातों से पैसे निकालने का प्रयास कर सकते हैं। पुलिस महानिदेशक, अपराध, पी.के. अग्रवाल ने बताया कि निजी और व्यावसायिक वाहनों के लिए फास्ट टैग अनिवार्य करने के बाद ऐसे जालसाज अब ठगी के लिए नया तरीका लेकर आए हैं।
असामाजिक तत्व टैग को रजिस्टर या एक्टिवेट करने में मदद का बहाना कर लोगों के बैंक खातों से पैसे निकालकर ठगी का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले, ऐसे जालसाज फर्जी संदेशों को बैंकों जैसे वास्तविक स्रोतों से भेजकर फास्ट टैग पंजीकरण के नाम पर व्यक्तिगत या वित्तीय विवरण और ओ.टी.पी. देने के लिए कहते हैं। बाद में छूट या कैशबैक योजनाओं की पेशकश का लालच दे पैसे हस्तांतरित करने या विवरण साझा करने के लिए कहते हैं। जैसे ही जानकारी या ओ.टी.पी. कॉलर को देते हैं, संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से राशि की निकासी हो जाती है।
अग्रवाल ने नागरिकों से बहकावे में न आने का आग्रह किया और कहा कि जब भी टैग पंजीकरण को लेकर अंजान कॉल आती है, तो तुरंत डिस्कनैक्ट कर दें और वास्तविकता की जांच-पड़ताल के लिए नजदीकी बैंक में जाकर संपर्क करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि फोन पर बैंक कर्मचारी से बात करने से टैग का रजिस्ट्रेशन या एक्टिवेशन नहीं होता है। उन्होंने लोगों को किसी को भी पिन या पासवर्ड साझा न करने की सलाह देते हुए कहा कि टैग को केवल अधिकृत बैंक, टोल प्लाजा, पेटीएम, अमेजन जैसी अनुमोदित एजैंसियों से ही खरीदना चाहिए। इसके अलावा एन.एच.ए.आई. द्वारा उपलब्ध करवाए वास्तविक एप्लीकेशन ही इंस्टॉल करने चाहिए।