Edited By Saurabh Pal, Updated: 02 Feb, 2024 06:26 PM
हरियाणा में पटवारी पिछले करीब एक माह से लगातार हड़ताल पर हैं। कुछ दिन पूर्व सरकार के नुमाइंदों से पटवारी की बातचीत हुई थी, लेकिन यह वार्ता विफल हो गई थी। जिसके बाद पटवारियों ने हड़ताल को 7 फरवरी तक बढ़ा दी है...
चरखी दादरी(पुनीत श्योराण): हरियाणा में पटवारी पिछले करीब एक माह से लगातार हड़ताल पर हैं। कुछ दिन पूर्व सरकार के नुमाइंदों से पटवारी की बातचीत हुई थी, लेकिन यह वार्ता विफल हो गई थी। जिसके बाद पटवारियों ने हड़ताल को 7 फरवरी तक बढ़ा दी है, वहीं आगामी दिनों में लोगों को रेवेन्यू से संबंधित कार्यों को करवाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। पटवारियों की हड़ताल के चलते करीब 400 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। वार्ता विफल होने के बाद पटवारियों ने अपने तेवर भी कड़े करते हुए अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि पटवारी व कानूनगो गत 3 जनवरी से वेतन विसंगतियों सहित कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं और लघुसचिवालय परिसर में लगातार धरना दे रहे हैं। धरने पर पटवारियों ने अधिकारियों से वार्ता विफल होने पर सरकार से सीधी वार्ता की मांग उठाई। इस दौरान अनेक गांवों के सरपंचों ने उनकी हड़ताल का समर्थन दिया।
हड़ताल पर बैठे पटवारी रामभगत व जोंगेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से कहा कि उनकी वार्ता अधिकारियों की बजाये सरकार से होने पर समाधान हो सकता है। उनकी हड़ताल के कारण राजस्व विभाग को हो रहे घाटे के जिम्मेदार भी आला अधिकारी ही हैं। वहीं उन्होंने हड़ताल को 7 फरवरी तक बढ़ा दिया है। साथ ही कहा कि लोगों को हो रही परेशानियों का खेद जरूर है, लेकिन वे जनहित व आमजन की समस्याओं के लिए ही मैदान में हैं और आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं पटवारियों की हड़ताल से करीब 400 करोड़ का घाटा हुआ है।
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