Edited By Updated: 10 Dec, 2016 09:23 AM
सुखपुरा चौक के नजदीक एक कोचिंग सैंटर के हॉस्टल में रहने वाले मासूम बच्चे के साथ टीचर द्वारा बेरहमी से पिटाई और यातनाएं देने का मामला प्रकाश में आया है।
रोहतक: सुखपुरा चौक के नजदीक एक कोचिंग सैंटर के हॉस्टल में रहने वाले मासूम बच्चे के साथ टीचर द्वारा बेरहमी से पिटाई और यातनाएं देने का मामला प्रकाश में आया है। मासूम बच्चे का सिविल अस्पताल से इलाज करवाया जा रहा है। अभिभावकों की शिकायत पर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। दूसरी ओर, कोचिंग सैंटर प्रबंधन ने मामले को दबाने के लिए बच्चे के परिवार वालों पर समझौते के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है लेकिन अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे के साथ हैवानियत करने वाले के खिलाफ वे हर हाल में कानूनी कार्रवाई करवाएंगे। सिटी पुलिस का कहना है कि शिकायत की जांच की जा रही है।
ओल्ड सिटी के नेहरू कालोनी में आनंद का परिवार रहता है। उनके मुताबिक करीब 10 साल के बेटे अंशुल को शिक्षा के लिए सुखपुरा चौक स्थित न्यू नवयुग कोङ्क्षचग सैंटर में दाखिल करवाया था। पिछले साल से ही उन्होंने शहर में होने के बावजूद बच्चे को कोङ्क्षचग सैंटर संचालकों द्वारा दिलवाए गए भरोसे पर उनके हॉस्टल में ही छोड़ा हुआ है।
परिवार ने बताया कि उनके पास न्यू नवयुग कोचिंग सैंटर हॉस्टल से फोन कॉल आई कि आपके बच्चे का यहां मन नहीं लग रहा है, इसे ले जाएं। मां हॉस्टल गई और अंशुल से बात की लेकिन बच्चा डरा हुआ महसूस हुआ तो वह उसे अपने साथ घर ले आई। जब बच्चे के कपड़े बदलवाने लगे तो मां देखकर दंग रह गई क्योंकि मासूम के शरीर पर कई जगह डंडों से पिटाई के नील पड़े हुए थे।
इतना ही नहीं एक जगह से तो उसकी चमड़ी भी उधड़ी मिली और हाथों व पैरों पर भी निशान मिले जिनसे इस बात का अहसास हुआ कि उसे जानवरों की तरह पीट रखा है। मां ने अंशुल का यह हाल देखकर जब पूछा तो डर के मारे वह काम्पने लगा और सिर्फ यही कहा कि बताया तो टीचर और मारेंगे। मां ने किसी तरह डरे-सहमे अंशुल को संभाला और बाकी परिवार को इसके बारे में जानकारी दी। चाचा संदीप उसे लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे और बच्चे को मैडीकल ट्रीटमैंट दिलवाकर इसकी शिकायत सुखपुरा चौक पुलिस पोस्ट में दी।
संदीप ने बताया कि बच्चे के साथ 3 दिन पहले यह हैवानियत की गई है जिसके निशान अभी तक नहीं गए हैं। इससे पता चलता है कि उसे कितनी बुरी तरह मारा गया होगा। बच्चे के दिमाग पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है। पूछने पर यही कहता है कि टीचर मारेंगे। अंशुल के चाचा संदीप के मुताबिक हॉस्टल प्रबंधन के लोग उसके बीमार पिता के पास भी पहुंच गए और आज कुछ अन्य लोगों को साथ लेकर घर भी आ धमके। मामला निपटाने का दबाव बनाते हुए उन्होंने पुलिस में दी शिकायत को वापस लेने को कहा। बातचीत में उन लोगों ने अपनी व स्टाफ की गलती भी स्वीकार की।