Edited By Rakhi Yadav, Updated: 15 Aug, 2018 11:52 AM
जाटों के 16 अगस्त से प्रस्तावित आंदोलन, कर्मचारियों संगठनों द्वारा विधानसभा घेराव की चेतावनी तथा इनैलो के बंद के आह्वान के चलते प्रदेश सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। भविष्य के चुनावों की आहट.....
चंडीगढ़(बंसल): जाटों के 16 अगस्त से प्रस्तावित आंदोलन, कर्मचारियों संगठनों द्वारा विधानसभा घेराव की चेतावनी तथा इनैलो के बंद के आह्वान के चलते प्रदेश सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। भविष्य के चुनावों की आहट के चलते सरकार अब किसी भी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। यहां बता दें कि अखिल भारतीय आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार पर समझौते तोडऩे का आरोप लगाते हुए 16 अगस्त से आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। प्रथम चरण में जाट आंदोलन के लिए 9 जिलों रोहतक, झज्जर, दादरी, भिवानी, हिसार, कैथल, जींद, पानीपत व सोनीपत का चयन किया गया है।
इस बीच, पुलिस विभाग का मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा वित्तमंत्री कै.अभिमन्यु की सुरक्षा पर विशेष फोकस है तो कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ तथा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की सुरक्षा भी बढ़ाई जा सकती है। दूसरी ओर, पुलिस महानिदेशक बी.एस.संधू ने वीडियो कान्फ्रैंसिंग के माध्यम से सभी पुलिस अधीक्षकों को सुरक्षा प्रबंधों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पुलिस महानिदेशक ने बताया कि मुख्यमंत्री तथा वित्तमंत्री के गांवों में कार्यक्रमों के दौरान विशेष सुरक्षा रहेगी तथा अन्य मंत्रियों के दौरों पर पुलिस विभाग की विशेष निगाह होगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री दोनों के घरों की सुरक्षा पहले ही पुख्ता है, जरूरत होने पर और भी बढ़ाई जा सकती है। जाट आंदोलन तथा इनैलो के बंद के आह्वान के चलते बुधवार शाम को अतिरिक्त पुलिस बल को जिलों में भेजा जाएगा। पुलिस महानिदेशक ने सभी पुलिसकर्मियों के अवकाश रद्द कर दिए हैं और उन्हें हर हाल में ड्यूटी पर मुस्तैद रहने के निर्देश दिए जा चुके हैं।