Edited By Shivam, Updated: 30 Oct, 2018 04:41 PM
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को लेकर सरकार की ओर से लाख दावे व घोषणाए की जाती हैं, लेकिन उन घोषणाओं पर अमल नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही मामला सामने आया है जहां शिक्षा बोर्ड द्वारा वर्ष 2017 में दसवीं के टॉपर 500 बच्चों को लैपटॉप देने की घोषणा करने के...
टोहाना(सुशील सिंगला): शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को लेकर सरकार की ओर से लाख दावे व घोषणाए की जाती हैं, लेकिन उन घोषणाओं पर अमल नहीं हो पा रहा है। ऐसा ही मामला सामने आया है जहां शिक्षा बोर्ड द्वारा वर्ष 2017 में दसवीं के टॉपर 500 बच्चों को लैपटॉप देने की घोषणा करने के बाद जानकारी ली गई थी, लेकिन बच्चों को अभी तक लैपटाप वितरित नहीं किए गए हैं, जिससे बच्चों में रोष बना हुआ है।
वर्ष 2017 में बार्ड में टापर रहे 683 बच्चों को सूची जारी की गई थी कि शीर्ष के 500 बच्चों को लैपटाप वितरित किए जाएंगे। उस समय विभाग द्वारा शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से बच्चों की सूची मांगी गई थी, लेकिन लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी बच्चों को लैपटाप वितरित नहीं किए जा सके हैं। जिसके चलतें बच्चों में रोष है तथा उन्होंनें सरकार से शीघ्र लैपटाप दिए जाने की मांग की है।
इस बारें में मॉडल केएम स्कूल की छात्रा अंजलि गिल ने बताया कि उसने दसवीं परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। अंजलि ने कहा कि उसने प्रदेश भर मं 7वां स्थान हासिल किया था। उसने कहा कि शिक्षा बोर्ड द्वारा बच्चों की सूची मांगी गई थी तो उनके स्कूल प्राचार्य रणधीर सिंह द्वारा जानकारी भी दी गई लेकिन एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्कॉलरशिप नहीं आ पाई है।
अंजलि ने कहा कि सरकार की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जाता है। लेकिन जब बेटियां शिक्षा के क्षेत्र में नाम रोशन करती है तो उनके लिए घोषणा करने के बाद सरकार पूरा नहीं करती। छात्रा नेहा ने बताया कि उसने जिलें में पोजिशन हासिल की थी तो उसका नाम भी भेजा गया था लेकिन सरकार कुछ भी उन्हे नहीं दे पाई है। नेहा ने कहा कि अगर सरकार कुछ नहीं दे सकती तो ऐसी घोषणाएं भी नहीं करनी चाहिए।
इस बारें में खंड शिक्षा अधिकारी बलवान गिल ने बताया कि शिक्षा बोर्ड द्वारा बच्चों को लैपटाप देने को लेकर बच्चों की सूची भेज गई थी जिसके बाद उन्होंने स्कूलों से जानकारी जुटाने के बाद बोर्ड को भेज दी थी लेकिन अभी तक बच्चों को लैपटाप नहीं दिए गए है।