बाथरूम में गैस गीजर हो सकता है खतरनाक, याद्दाश्त जाने के साथ होता है जान का खतरा

Edited By Shivam, Updated: 24 Dec, 2020 03:57 PM

gas geysers in the bathroom can be dangerous

सर्दी बढऩे के साथ लोगों ने इससे बचने के लिए संसाधनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। कुछ लोग हीटर से गर्म पानी करके नहाते रहे हैं तो कुछ लोग नहाने के लिए गर्म पानी के लिए गैस गीजर लगवा रहे हैं। इलेक्ट्रोनिक गीजर के मुकाबले इनकी कीमत कम भी होती है,...

फरीदाबाद (सूरजमल): सर्दी बढऩे के साथ लोगों ने इससे बचने के लिए संसाधनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। कुछ लोग हीटर से गर्म पानी करके नहाते रहे हैं तो कुछ लोग नहाने के लिए गर्म पानी के लिए गैस गीजर लगवा रहे हैं। इलेक्ट्रोनिक गीजर के मुकाबले इनकी कीमत कम भी होती है, मगर ऐसे में हल्की सी लापरवाही आपके लिए आफत में न बदल सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार इसके लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

सर्दी बढऩे के साथ ही मार्केट में गैस गीजरों की डिमांड एकाएक बढ़ गई है। लोग इन्हें काफी पसंद कर रहे हैं। गैस गीजर को चलाने के लिए एलपीजी की जरूरत होती है। एलपीजी से चलने के साथ ही इसमें से खतरनाक गैस निकलती है, जो नुकसान पहुंचा सकती है। 

PunjabKesari, Haryana

एस्कोर्ट फोर्टिस अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग निदेशक डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि गैस गीजर को आमतौर पर लोग बाथरूम में लगवाते हैं। बहुत से घरों में बाथरूम छोटे होते हैं। ऐसे में कभी-कभी गीजर में साल्ट जमा होने के कारण खतरनाक गैस निकलने लगती है। जब कोई बाथरूम में जाता है और पर्याप्त आक्सीजन न मिलने पर वह बेहोश हो सकता है। गैस उसके दिमाग पर असर करती है। ऐसे में याद्दाश्त जाने के साथ कई बार जान का खतरा भी हो जाता है। अस्पताल में गैस गीजर से प्रभावित मरीज एक सप्ताह में तीन से चार आ चुके हैं। पिछले साल दो की मौत भी हो गई थी। 20 से 25 मरीज उनके अस्पताल में भर्ती भी हुए थे। इसके उपयोग के सुरक्षित दिशा-निर्देश भी सरकार व प्रशासन की तरफ से नहीं दिए गए हैं।

ब्यूटेन और प्रोपेन गैस बनती है
डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि गैस गीजर एलपीजी गैस से चलता है। बिजली यूनिट से सस्ता होने के चलते लोग घरों में इसका भरपूर इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसके सुरक्षा उपायों को लेकर लोगों में जागरूकता का अभाव है, जिसके कारण उनकी जिंदगी पर खतरा बन रहा है। एलपीजी में ब्यूटेन और प्रोपेन गैस होती है।, जो जलने के बाद कार्बनडाईऑक्साइड बनाती है।

महिलाओं को खतरा ज्यादा
बाथरूम जैसी छोटी जगह में जब गैस गीजर चलता है तो वेंटीलेशन की कमी से वहां कार्बन डाईऑक्साइड बढ़ जाती है और ऑक्सीजन कम हो जाती है। कार्बन डाईऑक्साइड के साथ-साथ कार्बन मोनो ऑक्साइड भी बढ़ जाती है। ऐसे में नहाते समय ऑक्सीजन की कमी दिमाग में भी कम हो जाती है। इससे व्यक्ति बेहोश हो जाता है। खासकर महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित होती हैं क्योंकि अमूमन महिलाएं नहाने में पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा समय लगाती हैं।

इन बातों का रखें ध्यान
गैस गीजर बाथरूम में बाहर की तरफ लगवाएं ताकि हानिकारण गैस अंदर न बने।
गैस गीजर अंदर है तो नहाने से पहले पानी बाल्टी या टब में भर लें, गीजर को बंद कर दें।
गैस गीजर को एक बार में पांच मिनट से ज्यादा न चलाएं।

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