हरियाणा वाटर रिसोर्सिस एथॉरिटी की चेयरमैन बनी पूर्व चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा

Edited By Shivam, Updated: 14 Jan, 2021 08:52 PM

former cs keshani anand arora becomes chairman of hwra

हरियाणा की पूर्व चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा को हरियाणा वाटर रिसोर्सिस एथॉरिटी की चेयर मैन बनाया गया है। उनकी नियुक्ति 3 साल के लिए सरकार ने की है। हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी पद पर केशनी आनंद अरोड़ा की सेवानिवृत्ति 30 सितम्बर को हुई थी।

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा की पूर्व चीफ सेक्रेटरी केशनी आनंद अरोड़ा को हरियाणा वाटर रिसोर्सिस एथॉरिटी की चेयर मैन बनाया गया है। उनकी नियुक्ति 3 साल के लिए सरकार ने की है। हरियाणा की चीफ सेक्रेटरी पद पर केशनी आनंद अरोड़ा की सेवानिवृत्ति 30 सितम्बर को हुई थी। 

केशनी आनंद अरोड़ा ने कोरोना के चुनौतीपूर्ण काल में अपनी वर्किंग सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक सामान्यत: रखी थी। इस चुनौतीपूर्ण समय में इन्होंने न कोई रविवार न कोई अवकाश की नीति के तहत इस संकट काल में कार्य किया। हरियाणा के अधिकांश विभागों की मीटिंगों के दायित्व, कोरोना से कैसे निपटा जाए की रणनीति, कानून व्यवस्था, विजिलेंस विभाग की सभी जानकारियां व सॉल्यूशन जैसे अनेकों चुनौतीपूर्ण कामों के साथ मोबाइल कॉल्स,वाट्सएप हर मूमेंट से अपडेट रहना इनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा था। महिला होने के बावजूद प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर पूर्ण सक्रियता देखते ही बनती रही। सुबह से शाम तक पूर्ण उत्साह व खुश मन से बिना टेम्परामेंट खोए सब कामों को यह अंजाम देती हैं। पूरे हरियाणा भर से आने वाली सभी सूचनाओं पर तुरन्त प्रभावी कार्यवाही होती रही।

20 सितंबर 1960 को पंजाब में जन्मी केशनी आनंद अरोड़ा बेहद प्रतिभाशाली ब्यूरोक्रेट के रूप में सक्रिय रही। ये राजनीति विज्ञान से एमए और एमफिल करने के दौरान अपने बैच की टॉपर थीं। यहीं नहीं बल्कि हरियाणा कैडर के 1983 आईएएस बैच का टॉपर बनने का गौरव भी केशनी आनंद अरोड़ा को हासिल है। इन्होंने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त की। पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य बना तो 16 अप्रैल 1990 प्रदेश की पहली महिला उपायुक्त के पद पर केशनी आनंद अरोड़ा की नियुक्ति हुई।

उन दिनों लोग तो इस बात पर शर्त लगाते थे कि किसी महिला को डिप्टी कमिश्नर या दूसरे अहम पद नहीं मिल सकते हैं। जब हरियाणा अलग राज्य बना और केशनी राज्य की पहली महिला डिप्टी कमिश्नर बनीं। न्याय पसंद, कोमल हृदय, व्यवहार कुशल व जरूरतमंदों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना केशनी आनंद अरोड़ा के व्यक्तित्व का हिस्सा है।

केशनी आनंद अरोड़ा के पिता जैसी आनंद पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे। उनकी बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद चौधरी 1969 बैच की आईएएस अधिकारी रही हैं। वह 8 नवंबर 2005 से 30 अप्रैल 2006 के बीच मुख्य सचिव के पद पर रही हैं। इसी प्रकार उनकी दूसरी बहन उर्वशी गुलाटी भी 1975 बैच की आईएएस अधिकारी रहीं हैं। वह 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 के बीच मुख्य सचिव के पद पर विराजमान रही हैं।

अरोड़ा, जो अतिरिक्त मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रभारी के रूप में सेवारत थीं, तीन बहनों में सबसे छोटी हैं, सभी हरियाणा-कैडर के सिविल सेवक। उनकी बड़ी बहनें मीनाक्षी आनंद चौधरी और उर्वशी गुलाटी भी राज्य के मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुईं। अरोड़ा नागरिक सेवाओं के 1983 बैच में दूसरे स्थान पर थे और विभिन्न पदों पर सेवा दे चुके हैं, विशेष रूप से चंडीगढ़ में यूआईडीएआई के उप महानिदेशक, जब भारत सरकार देश भर में आधार पंजीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही थी।

वह 1991 में हरियाणा की पहली महिला उपायुक्त होने का रिकॉर्ड रखती हैं, जब उन्होंने यमुनानगर जिले की बागडोर संभाली थी। तब कहा था कि -'मेरा मुख्य जोर भारत सरकार और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लागू करने पर होगा। दूसरे, मैं सुशासन और बढ़ी हुई पारदर्शिता पर ध्यान दूंगी। मैंने विकास में समावेशी विकास सुनिश्चित करने का भी इरादा किया है।'

यह भारत में सिविल सेवकों का एकमात्र परिवार है, जिसने तीन बहनों को एक राज्य में शीर्ष पद पर पहुंचाया है। राजस्व के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में, उन्होंने कई ई-गवर्नेंस परियोजनाओं को लागू किया, जो राज्य में स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क को बढ़ाने में मदद करते हैं। हरियाणा ने राजस्व सचिव (2017-2017) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान केवल एक वर्ष में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में 33 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर्ज की। अरोड़ा को हरियाणा में ऑनलाइन शिक्षकों की स्थानांतरण नीति शुरू करने का श्रेय दिया जाता है, जो एक पहली पहल थी। नीति का उद्देश्य पारदर्शिता लाना था।

इन तीनो बहनों के पिता, डॉ जे.सी. आनंद, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में राजनीति विज्ञान के शिक्षक थे। तीनों को उनके पिता ने पढ़ाया और राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर किया। आनंद ने अपनी बेटियों को सिविल सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

अरोरा की 25 वर्षीय इंजीनियर बेटी श्रुति ने पारिवारिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए पिछले साल यूपीएससी परीक्षा में 118 वीं रैंक हासिल की। वर्तमान में इनकी बेटी श्रुति आईपीएस अधिकारी के रूप में चंडीगढ़ में ही कार्यरत हैं।

केशनी आईएएस परिवार से सम्बंध रखती हैं। इनसे पूर्व इनकी 2 बड़ी बहनें मीनाक्षी आनंद चौधरी व उर्वशी गुलाटी भी चीफ सेक्रेटरी रह चुकी हैं। यह चीफ सेक्रेटरी पद पर पहुंचने वाली 5वीं महिला आईएएस हैं। हरियाणा में चीफ सेक्रेटरी तक पहुंचने वाली पहली महिला आईएएस अधिकारी प्रोमिला इस्सर बनी थी। उनके बाद मीनाक्षी आनंद चौधरी, उर्वशी गुलाटी, शकुंतला जाखू बनी हैं। केशनी आनंद अरोड़ा को दो बहनें भी हरियाणा की मुख्य सचिव रह चुकी हैं। उनकी बड़ी बहन मीनाक्षी आनंद 8 नवंबर 2005 से 30 अप्रैल 2016 तक मुख्य सचिव रहीं, जबकि उर्वशी गुलाटी को 31 अक्टूबर 2009 से 31 मार्च 2012 तक मुख्य सचिव पद संभालने का मौका मिला।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!