Edited By Isha, Updated: 09 Oct, 2019 09:57 AM
अव्यवस्थाओं के बीच दशहरा पर्व मंगलवार शाम सम्पन्न हो गया। छावनी की 2 अलग-अलग कमेटियों द्वारा आयोजन स्थल पर किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हुए। जहां पटाखा कारीगरों द्वारा तैयार सामान.........
अम्बाला छावनी (हरिंद्र) : अव्यवस्थाओं के बीच दशहरा पर्व मंगलवार शाम सम्पन्न हो गया। छावनी की 2 अलग-अलग कमेटियों द्वारा आयोजन स्थल पर किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हुए। जहां पटाखा कारीगरों द्वारा तैयार सामान आयोजन स्थल पर मौजूद लोगों के लिए मुसीबत बन गया तो वहीं रामबाग रोड पर पुतले ही समय पर तैयार नहीं हो पाए। इस कारण ग्वाल मंडी के बच्चों द्वारा तैयार किए गए पुतले का दहन किया गया।
लगभग 10 दिनों से दशहरा पर्व को लेकर की गई तैयारियां रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतलों के दहन के साथ ही संपन्न हो गया। छावनी के गांधी मैदान और रामबाग रोड स्थित मैदान में 2 अलग-अलग रामलीला कमेटियों की तरफ से रावण दहन का आयोजन किया गया। गांधी मैदान में मंगलवार रावण दहन के दौरान ऐसे विकट परिस्थिति बन गई कि लोगों को अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा।
पटाखा कारीगरों द्वारा तैयार किए गए पुतलों के नजदीक ही आतिशबाजी का प्रबंध किया गया था। लेकिन आतिशबाजी जिस जगह पर लगाई गई थी, वह जगह दुरुस्त नहीं थी। जब पटाखा कारीगरों ने आतिशबाजी में आग लगाई तो कई आतिशबाजियां वहां खड़े लोगों तक पहुंच गई। एक आतिशबाजी कलाकारों के स्टेज तक पहुंच गई और वहां का कपड़ा भी जला दिया। लगातार हो रहे आतिशबाजी ने लोगों में डर का माहौल पैदा कर दिए।
सैंकड़ों लोगों को रोकने के लिए लगाई गई पुलिस भी व्यवस्था बनाने में नाकाम साबित हुई। पुतलों के जलते ही अधिकांश लोग अवरोधक तोड़ कर दहन स्थल पर पहुंच गए और जलते हुए पुतलों की लकडिय़ां उठाने की कोशिश करने लगे। इस दौरान कुछ युवकों के हाथ भी जल गए। सबसे ज्यादा परेशानी वाहन चालकों को उठानी पड़ी। घंटों जाम में फंसने के बाद लोग गांधी मैदान से रवाना हुए। ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के लिए भी कोई पुलिस कर्मचारी मौजूद नहीं था।