Edited By Isha, Updated: 07 Aug, 2025 04:39 PM

कस्बे के गांव घडौला में पिता की डांट से आहत होकर दो बच्चे कपड़ों का बैग लेकर घर से लापता हो गए। बच्चों को घर में न देख कर परिवारजन घबरा गए। आनन-फानन में परिजन व ग्रामीण बच्चों को ढूंढने लिए इधर-उधर दौड़े
लाडवा: कस्बे के गांव घडौला में पिता की डांट से आहत होकर दो बच्चे कपड़ों का बैग लेकर घर से लापता हो गए। बच्चों को घर में न देख कर परिवारजन घबरा गए। आनन-फानन में परिजन व ग्रामीण बच्चों को ढूंढने लिए इधर-उधर दौड़े। बच्चों के बैग जोहड़ किनारे मिलने पर परिजन सकते में आ गए और गांव के सरपंच सहित गोताखोर प्रगट सिंह को फोन कर सूचित किया।
गनीमत रही कि बच्चे सकुशल व सुरक्षित अपने घर पहुंच गए। बच्चों के पिता ने बताया कि वह मेहनत-मजदूरी का काम करता है। उसकी बड़ी बेटी सातवीं व बेटा छठी कक्षा में पढ़ते हैं। मंगलवार रात को वह बच्चों सहित खाना खाकर सो गया था। बुधवार सुबह लगभग चार बजे अचानक उसकी आंख खुली तो देखा कि बच्चे कमरे में नहीं थे।
उसने घर के अंदर कमरों व बाथरूम सहित अन्य कई जगह बच्चों को ढूंढने का प्रयास किया लेकिन कहीं भी बच्चों का कोई अता-पता नहीं चला। घर में बच्चों के न मिलने पर पूरे परिवार में हड़कंप मच गया। परिजन व ग्रामीण लाडवा की तरफ जाने वाले मार्ग व जोहड़ के पास बच्चों को ढूंढने लगे। जोहड़ किनारे बच्चों के बैग मिलने पर परिजनों की सांसे फूलने लगी।
आनन-फानन में गांव के सरपंच सहित गोताखोर प्रगट सिंह को फोन कर सूचित किया। सुबह चार बजे से लेकर सुबह 11:00 तक परिजन रोते बिलखते दोनों बच्चों की तलाश करते रहे। लगभग 11:30 बजे पड़ोसी ने कार के नीचे बच्चों के रोने की आवाज सुनी और उनको कार के नीचे से बाहर निकाल परिजनों को सूचना दी। बच्चों को अपने पास देखकर परिजनों ने राहत की सांस ली।