Edited By Vivek Rai, Updated: 02 May, 2022 03:49 PM
गेहूं की फसल के लिए मुआवज़ा देने और बिजली की कटौती के खिलाफ आज किसानों ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन किया। सीएम सीटी करनाल में भी किसानों ने जिला सचिवालय पर पहुंचकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन किया।
करनाल(ब्यूरो): गेहूं की फसल के लिए
मुआवज़ा देने और बिजली की कटौती के खिलाफ आज किसानों ने प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन
किया। सीएम सीटी करनाल में भी किसानों ने जिला सचिवालय पर पहुंचकर प्रदेश सरकार के
खिलाफ जमकर रोष प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ ही किसानों ने
प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने बिजली
सप्लाई पूरी देने और गेहूं पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिए जाने की
मांग की।
किसान गुरजंट सिंह ने बताया कि इस बार
गेहूं की पैदावार कम हुई है, जिसके चलते किसानों का काफी नुकसान हुआ है। इसलिए किसानों
को प्रति क्विंटल 500 रुपये बोनस देने की मांग की जा रही है। इसी के साथ बिजली कटौती से
किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस कारण सब्जी की फसल की पैदावार भी ठीक
नहीं हो रही। फसलें सूख रही हैं और चारा भी खराब होता जा रहा है। सरकार से गुहार
है कि बिजली की सप्लाई पूरी की जाए। बोनस दिया जाए।
किसान यूनियन के करनाल जिला प्रधान अजय राणा ने बताया कि पहले
बिजली की सप्लाई 24 में से 8
घंटे मिलती थी। अब मात्र एक घंटा ही
बिजली सप्लाई दी जा रही है। उन्होने कहा कि कोयले का बहाना बनाकर सरकार लोगों को
परेशान कर रही है। उन्होने कहा कि हरियाणा में बिजली की सप्लाई बाधित होना गठबंधन
सरकार की एक बडी नाकामयाबी है।
किसान देवेंद्र सिंह ने कहा कि प्राइवेट
खरीदार 3200-3500 रुपये के
हिसाब से गेहूं खरीद रहे हैं, जबकि सरकार ने यह गेहूं 2050 रुपये के हिसाब से खरीदा है। उन्होने कहा कि कृषि मंत्री भी इस
मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं हैं। उन्होने कहा कि अब किसानों के पास आंदोलन करने के
अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। देवेंद्र सिंह ने कहा कि यदि जल्द ही किसानों की मांगे
नहीं मानी गई तो सरकार एक नए आंदोलन के लिए तैयार रहे।
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