Edited By Nitish Jamwal, Updated: 15 Apr, 2024 04:05 PM
हरियाणा में गेहूं और सरसों की खरीद चल रही है। बीते कई वर्षों से किसानों की गेहूं की फसल की पैदावार लगातार कम होती जा रही है। जिसका चलते किसानों के माथे पर चिंता के लकीरें बढ़ती जा रही है।
टोहाना (सुशील सिंगला): हरियाणा में गेहूं और सरसों की खरीद चल रही है। बीते कई वर्षों से किसानों की गेहूं की फसल की पैदावार लगातार कम होती जा रही है। जिसका चलते किसानों के माथे पर चिंता के लकीरें बढ़ती जा रही है।
किसानों ने कहा कि उन्हें हर बार में 1 एकड़ में करीब 400 से 450 किलो ग्राम गेहूं की कम पैदावार हो रही है। किसानों के अनुसार उनकी पैदावार तो लगातार कम हो रही है, लेकिन खर्च बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार उनकी मांग को पूरा करते हुए फसल पर बोनस दे और स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू करें, ताकि उनके नुकसान की भरपाई की जा सके।
फसल का मुआवजा दिया जाए
किसान गुरपाल ने कहा कि पहले की अपेक्षा हर बार प्रति एकड़ फसल की पैदावार कम हो रही है, लेकिन उनके खर्चे कम नहीं हुए है। उन्होंने कहा कि हर बार दवाई, पेस्टिसाइड के रेट बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है। सरकार से मांग करते हुए कहा के फसल का मुआवजा दिया जाए और बोनस दिया जाए।
किसान जसवीर ने कहा कि गेहूं की पैदावार कम होने से किसानों को हर बार नुकसान झेलना पड़ता है, अगर सरकार उनकी मांग पर ध्यान दे तो नुकसान को कम किया जा सकता है।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)