किसान आंदोलन : किसानों ने दिखाया ट्रैक्टर परेड का ट्रेलर, अब केंद्र के हाथ फैसला

Edited By Manisha rana, Updated: 08 Jan, 2021 08:39 AM

farmers show trailer of tractor parade now decision of center

43 दिनों से 3 कृषि कानूनों को रद्द कर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाएं सील किए बैठे किसानों ने ट्रैक्टर मार्च का ट्रेलर सरकार को दिखा दिया है। किसान अब सरकार की ओर से होने वाली बातचीत पर निगाह गड़ाए...

सोनीपत : 43 दिनों से 3 कृषि कानूनों को रद्द कर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाएं सील किए बैठे किसानों ने ट्रैक्टर मार्च का ट्रेलर सरकार को दिखा दिया है। किसान अब सरकार की ओर से होने वाली बातचीत पर निगाह गड़ाए हुए हैं। किसानों का कहना है कि उन्होंने 26 जनवरी का ट्रायल कर दिया है, अब केंद्र को तय करना है कि परेड देखनी है या किसानों की मांग पूरी करनी है। 8 घंटे तक करीब 5 हजार से अधिक ट्रैक्टरों पर सवार किसानों का कब्जा के.एम.पी. एक्सप्रैस-वे पर रहा लेकिन खास बात यह रही कि किसानों का ट्रैक्टर मार्च बेहद अनुशासित रहा। एक ट्रैक्टर ने दूसरे को ओवरटेक तक करने का प्रयास नहीं किया।

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने वीरवार को कुंडली बॉर्डर से के.एम.पी. पर ट्रैक्टर मार्च निकाल कर ताकत दिखाई। कुंडली बॉर्डर से करीब 5 हजार ट्रैक्टर व अन्य वाहन लेकर किसानों ने के.एम.पी. पर मार्च निकाला जबकि टिकरी से ट्रैक्टर मार्च निकाल कर किसान कुंडली बॉर्डर की ओर आए। कुंडली व टिकरी बॉर्डर के किसान पिपली में मिलने के बाद वापस अपने-अपनपे धरनास्थलों पर लौट गए।  

किसान नेताओं का कहना है कि यह ट्रायल उम्मीद से ज्यादा सफल रहा है। अब शुक्रवार को सरकार से बातचीत होगी और कानून रद्द करने के साथ ही एम.एस.पी. की गारंटी पर दो टूक बात करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ व कुलवंत सिंह ने कहा कि यह ट्रैक्टर मार्च केवल 26 जनवरी की किसान परेड का ट्रायल था। इसे देखकर सरकार को समझ जाना चाहिए कि किसान परेड कितनी बड़ी होगी इसलिए सरकार को 26 जनवरी से पहले ही कृषि कानून रद्द कर देने चाहिएं ताकि किसान आंदोलन खत्म करके वापस चले जाएं। 

कुलवंत सिंह ने कहा कि किसानों की शुक्रवार को सरकार से कानून रद्द करने को लेकर 8वें दौर की बातचीत होगी। यहां केवल दो टूक बात होगी कि सरकार कानून किस तरह से रद्द करेगी और एम.एस.पी. की गारंटी की प्रक्रिया क्या होगी। इससे अलग कोई बात नहीं की जाएगी। किसानों ने पहले 4 स्थानों से मार्च तय किया था लेकिन देर रात इसमें एक स्थान और जोड़ा गया। इस तरह से दिल्ली के चारों ओर किसानों ने ट्रैक्टर के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया।  

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