खट्टर सरकार की बीमा कंपनियों से सांठगांठ के चलते किसानों को नहीं मिल रहा मुआवजा: अनुराग ढांडा

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 07 Aug, 2023 05:51 PM

farmers are not getting compensation

आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि हर जगह किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। पिछले तीन महीने से किसान खराब फसलों के मुआवजे के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। चार किसान पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं, लेकिन खट्टर...

चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि हर जगह किसान अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। पिछले तीन महीने से किसान खराब फसलों के मुआवजे के लिए शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। चार किसान पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं, लेकिन खट्टर सरकार किसानों की कोई सुनवाई नहीं कर रही। वे गांव नारायण खेड़ा में शुक्रवार को धरनारत किसानों से मिले और उन्हें समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार से प्रदेश का हर वर्ग परेशान है। मुख्यमंत्री खट्टर गैरजिम्मेदार बयानबाजी करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं। किसानों को मुआवजा राशि, क्लर्कों को उनका हक और जनता को सुरक्षा नहीं दे सकते तो अपने पद से इस्तीफा दे दें।

उन्होंने कहा कि किसान किसी भी सरकारी सुविधा का इस्तेमाल करते हैं तो प्रति एकड़ के हिसाब 2000 रुपये बीमा के नाम पर प्रीमियम काट लेते हैं। जब बीमा देना होता है तब इनके पेट में दर्द हो जाता है। तब एकड़ के हिसाब से मुआवजा नहीं देते, बीमा एजेंसी और सीएससी के नाम पर किसान को उलझा देते हैं। इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी किसानों के साथ खड़ी है।

अनुराग ढांडा सरकार जब प्रीमियम हर एकड़ पर लेती हैं, तो किसानों को ये बात मनवानी पड़ेगी कि नुकसान भी सरकार को प्रति एकड़ के हिसाब से देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 750 करोड़ का मुआवजा एक साल से पेंडिंग है। खट्टर सरकार ब्याज भी खाते हैं।ज्यादातर किसानों को तो 2020 से मुआवजा बकाया है। यदि सरकार इसको न दिलवाए तो अधिकारियों के पास कितना पैसा जाता होगा। जितना किसानों को मिलता है, उसमें से आधा तो किसान संघर्ष के दौरान खर्च कर देते हैं। सारी कंपनियों के साथ खट्टर सरकार की सभी कंपनियों से साठ गांठ हैं। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर को गरीब किसानों की आवाज नहीं सुनाई देती।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए थे, लेकिन हमने हमारे ऊपर थोंपे गए तीन कानून को ही वापस करवाया। वो किसान के स्वाभिमान की जीत जरूर थी, लेकिन हम सरकार से कुछ ले नहीं पाए थे। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि किसानों को इस धरने पर बैठना छोड़ना पड़ेगा और एक व्यापक नीति पूरे प्रदेश के किसानों के लिए बनानी पड़ेगी।उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान के साथ साथ मजदूर को भी मुआवजा दिया। हरियाणा में भी आम आदमी की सरकार बनते ही किसानों के हितों में फैसले लेंगे। 

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