Edited By Rakhi Yadav, Updated: 18 Oct, 2018 07:33 PM
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर ट्रांसपोर्ट के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों से काम पर लौटकर बस चलाने के लिए कहा था। क्योंकि आजकल त्यौहारों का सीजन....
चंडीगढ़(धरणी): रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर ट्रांसपोर्ट के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह का कहना है कि उन्होंने कर्मचारियों से काम पर लौटकर बस चलाने के लिए कहा था। क्योंकि आजकल त्यौहारों का सीजन है और लोगों को खरीदारी करने के लिए बाहर जाना पड़ता है। इसके बावजूद जब कर्मचारी नहीं माने तो उन्होंने एस्मा के तहत कई कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की है। लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो उसके लिए निजी स्कूल, फैक्ट्री मालिकों की बसों को हायर कर छोटे रूटों पर चलाने का निर्णय भी लिया है।
जिसका किराया 1 प्रति किलो मीटर के हिसाब से यात्री से लिया जाएगा और 30 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से बस मालिक को दिया जाएगा। जिसमें टोल सरकार वहन करेगी इसी कड़ी में सभी जिला मुख्यालयों को निर्देश दे दिए गए हैं। करीब 200 बसों का डाटा भी विभाग के पास आ गया है जो कि कल रूट पर चलने शुरू हो जाएंगी ताकि लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो, जो कर्मचारी अब भी काम पर नहीं लौटते तो सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी। 30 लाख लोग बसों में सफर करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के 12 लाख लोग रोजाना हरियाणा राज्य परिवहन की बसों के माध्यम से यात्रा करते हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1993-94 की नीति के अनुसार लगभग 954 बसें सहकारी समितियों द्वारा चलाई जा रही है। जिनमें तीन से चार लाख लोग यात्रा करते हैं। इसके अलावा, सात से आठ लाख लोग अन्य वाहनों जैसे कि सुमो, क्वालिस व अन्य यात्री वाहनों (मैक्सी कैब आदि) से अपनी यात्रा सम्पन्न करते हैं। धनपत सिंह ने कहा कि आम व सामान्य लोगों के आवागमन के लिए हरियाणा रोडवेज की बसें ही एक मात्र किफायती साधन है। उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा रोडवेज सभी 30 लाख लोगों के लिए बस चलाए तो लगभग 15000 बसों की आवश्कता है और वर्तमान में हरियाणा रोडवेज के पास केवल 4100 बसें हैं।
इन 4100 बसों के ऊपर स्वीकृत स्टाफ को ही रखा जाएगा लेकिन किलोमीटर स्कीम के आने से रोडवेज के कर्मचारियों के हकों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एक प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ लोगों की सुविधा के लिए इस योजना को चलाया जा रहा है जो पीपीपी मोड पर आधारित है। उन्होंने कहा कि किलोमीटर स्कीम के तहत चलाई जाने वाली बसों के संबंध में सरकार का रूख साफ है कि इन बसों को लोगों के हितों को ध्यान में रखकर चलाया जाएगा और इसमें कोई समझौता नहीं होगा।