Edited By Isha, Updated: 01 Sep, 2019 11:22 AM
हरियाणा को 2020 तक मलेरिया मुक्त करने के लक्ष्य की दिशा में अब स्वास्थ्य विभाग ने कवायद तेज कर दी है। इसके तहत मलेरिया वाले संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। मलेरिया विभाग
चंडीगढ़ (पांडेय) : हरियाणा को 2020 तक मलेरिया मुक्त करने के लक्ष्य की दिशा में अब स्वास्थ्य विभाग ने कवायद तेज कर दी है। इसके तहत मलेरिया वाले संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। मलेरिया विभाग का सबसे ज्यादा फोकस मेवात,नूंह और यमुनानगर क्षेत्र में है,जहां करीब एक हजार एम.पी.एच.डब्ल्यू. कर्मचारियों की टीम तैनात की गई है। मलेरिया का प्रकोप शुरू होने से पहले ही स्वास्थ्य कर्मियोंं ने संवेदनशील क्षेत्रों में कमान संभाल ली है।
इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने नए भर्ती कर्मचारियों को मलेरिया से बचाव को लेकर पंचकूला स्थित स्वास्थ्य निदेशालय में ट्रेङ्क्षनग दी थी। आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष जनवरी से 21 अगस्त तक हालात बेहतर हुए हैं। वर्ष 2018 में अगस्त माह में सभी 22 जिलों में मलेरिया के मरीजों की कुल संख्या 1663 थी। सबसे ज्यादा नूंह में 1039, पलवल में 220,फरीदाबाद में 84, हिसार में 48, झज्जर में 31, पंचकूला में 41, यमुनानगर में 63 मामले,भिवानी में 31,रोहतक में 20 और सिरसा में 22 मामले सामने आए थे।
अन्य जिलों में संख्या काफी कम थी। वहीं,आंकड़ों में जनवरी से 21 अगस्त, 2019 तक कुल 510 केस सामने आए हैं,जिसमेंं से सबसे ज्यादा नूंह में 277 मामले हैं लेकिन कई वर्षों के मुकाबले संख्या बेहद कम है। जिलावार आंकड़ों में पलवल में 67 और पंचकूला में 34,हिसार में 23, गुरुग्राम में 15 तथा फरीदाबाद 32 मामले सामने आए हैं।