Edited By Isha, Updated: 25 Dec, 2024 02:53 PM
हरियाणा सरकार ने कचरे से बिजली बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के प्रत्येक जिले में आधुनिक संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन संयंत्रों के माध्यम से कचरे को ऊर्जा में बदला जाएगा। यह कदम जिलों को स्वच्छ रखने के साथ-साथ बिजली उत्पादन में भी...
अंबाला: हरियाणा सरकार ने कचरे से बिजली बनाने की एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के प्रत्येक जिले में आधुनिक संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन संयंत्रों के माध्यम से कचरे को ऊर्जा में बदला जाएगा। यह कदम जिलों को स्वच्छ रखने के साथ-साथ बिजली उत्पादन में भी योगदान देगा।यह निर्णय मंगलवार को हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में आयोजित नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया। इस अवसर पर नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग एवं ऊर्जा संरक्षण पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में यह भी तय किया गया कि राज्य की सभी सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके लिए सभी विभागों को निर्देश दिया जाएगा कि वे अपनी इमारतों की जानकारी प्रदान करें। इसके अलावा, शहरों की स्ट्रीट लाइट्स को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए हर जिले में सोलर पावर हाउस बनाए जाएंगे। दिन में सौर ऊर्जा का संचय कर शाम के समय स्ट्रीट लाइट्स को बिजली प्रदान की जाएगी।
एक अन्य महत्वपूर्ण पहल के तहत, किसानों के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए किसी एक गांव में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसमें सोलर पैनल के माध्यम से किसानों को बिजली की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के तहत राज्य में उद्योगों, भवनों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को ऊर्जा बचत उपायों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा। इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर नामित उपभोक्ताओं पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन की नियमित समीक्षा की जाएगी और डिस्कॉम्स को इसकी सख्त निगरानी के निर्देश दिए जाएंगे। इस बैठक में एस. नारायणन, महानिदेशक, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।