आठ साल पहले ही दिग्विजय चौटाला ने लिख दी थी प्राईवेट सेक्टर में 75 प्रतिशत आरक्षण की पटकथा

Edited By Shivam, Updated: 06 Mar, 2021 05:45 PM

eight years ago digvijay chautala wrote script for reservation in private sector

इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला भी अपने परदादा चौधरी देवीलाल की तरह दूरदर्शी व गंभीर मुद्दे उठाने में विशेष पकड़ रखते हैं। चौधरी देवीलाल ने जब बुजुर्गों को पेंशन देने की घोषणा की तो अन्य राजनैतिक दलों ने भी सवाल खड़ा किया था कि कैसे व कहां से...

चंडीगढ़ (धरणी): इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला भी अपने परदादा चौधरी देवीलाल की तरह दूरदर्शी व गंभीर मुद्दे उठाने में विशेष पकड़ रखते हैं। चौधरी देवीलाल ने जब बुजुर्गों को पेंशन देने की घोषणा की तो अन्य राजनैतिक दलों ने भी सवाल खड़ा किया था कि कैसे व कहां से देंगे? मगर 1987 में 90 में से भाजपा के साथ गठबंधन में आने के बाद जब वृद्धावस्था पेंशन लागू हो गई तो आज तक किसी भी सत्ता में रहे दल द्वारा इसे बंद करने की हिम्मत नहीं दिखी। अपितु हर बार जो सत्ता में दल में आए उन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्रों में वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के किए वायदे निभाए। इसी प्रकार हरियाणा के यूथ को नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का बिगुल सबसे पहले हरियाणा में दिग्विजय सिंह चौटाला ने 2013 में "युवा जन चेतना यात्रा" निकाल कर बजाया था।

अपने पिता अजय चौटाला के जेल चले जाने के बाद दिग्विजय ने बड़े भाई दुष्यंत के लिए जहां थिंक टैंक का कार्य किया। वहीं दुष्यंत के लिए हनुमान बन हर निर्णय को यूथ में ले जाने के लिए स्कूलों, कालेजों व विश्वविद्यालयों में पूरी तरह मेहनत की। यूथ के मुद्दे समझे, समस्याओं को पकड़ा व मुद्दों को जमीनी रूप से समझ उनकी राय जानी, जिसमें बेरोजगारी बड़ा मुद्दा निकला। युवाओं के साथ संवाद में निकला बेरोजगारी का मुद्दा 75 प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित करने का मुद्दा बना। इसी दौरान यूनिवर्सिटी में इलेक्शन का मुद्दा भी निकल, जिसे दिग्विजय सिंह ने जोर-शोर से उठाया। विपक्ष में होते धरने, प्रदर्शन अनशन किए व यह ऐतिहासिक जीत भी इन्हें मिली। तब एक दौर ऐसा था कि ऐसा लग रहा था कि शायद इनका यह संघर्ष कामयाब भी होगा या नहीं।

वर्तमान हरियाणा में बड़े स्तर पर युवाओं को रोजगार दिलाने की दिशा में राज्य सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। प्राइवेट नौकरियों में प्रदेश के युवाओं के लिए 75 प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित करने के बाद सरकार आगामी अप्रैल माह से प्रदेश भर में बड़ा रोजगार अभियान चलाएगी। इस रोजगार अभियान के जरिए सक्षम युवाओं को सरकार रोजगार दिलाने का कार्य करेगी। दिग्विजय सिंह चौटाला के युवा बेरोजगार वर्ग को 75 प्रतिशत रोजगार के इस वायदे पर विश्वास कर युवा वर्ग उनसे लगातार जुड़ता चला गया। बाद में इस मुद्दे को लोकसभा में सांसद दुष्यंत चौटाला ने भी जोर-शोर से उठाया था। दुष्यंत भी इस मुद्दे पर अपने भाई दिग्विजय सिंह चौटाला की तरह वोकल होकर बोलने लगे। इस मुद्दे की अहमियत समझते हुए जजपा ने भी इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा बनाया। युवा बेरोजगार वर्ग को 75 प्रतिशत रोजगार के इस वायदे पर जजपा को खूब समर्थन भी मिला। दिग्विजय सिंह ने मूल भूत मुद्दे उठाए। एक दशक से दिग्विजय के युवा वर्ग के मुद्दे उठाने का लाभ जजपा को मिला।

भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार बनते ही जजपा ने 75 प्रतिशत रोजगार के चुनावी वायदे को पूरा करने पर काम शुरू कर दिया। दिग्विजय चौटाला द्वारा 2013 में जिस सोच के साथ 75 प्रतिशत रोजगार में हरियाणवी युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने पर अमलीजामा 2021 में पहनाने में सफलता मिली। राज्य सरकार ने युवाओं के सुनहरे भविष्य के लिए प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 प्रतिशत हरियाणवी युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया, जिस पर महामहिम ने विश्वास के साथ अपनी सहमति जताते हुए अनुमति दी और ऐतिहासिक मुहर लगाई है।

सरकार ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्रदेश के युवाओं की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी सुनिश्चित की है। इसी मार्च माह में इस कानून से संबंधित नियम और प्रक्रिया जारी कर दी जाएगी। राज्य सरकार अगले अप्रैल माह में प्रदेश के सभी 22 जिलों, 143 ब्लॉकों में बड़े स्तर पर रोजगार अभियान चलाएगी, जिसका लक्ष्य नए वित्त वर्ष में निकलने वाली सभी नौकरियों में ज्यादा से ज्यादा प्रदेश के योग्य युवाओं को प्राइवेट कंपनियों, निजी उद्योगों तथा अन्य व्यवसायों में रोजगार दिलाना होगा। सरकार यह भी सुनिश्चित करने का काम करेगी कि जो युवा डिग्री, डिप्लोमा आदि लेकर घर बैठे हैं, उन्हें उनके कौशल अनुसार समय पर रोजगार उपलब्ध करवाया जाए।

हरियाणा से पहले 37 वर्ष पूर्व महाराष्ट्र राज्य में यह कानून मराठी बोलने वाले लोगों के लिए लागू हुआ था। इसी तरह देश के अन्य राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र, तेलंगाना आदि में भी यह बिल लाया गया लेकिन इस बिल को लागू कर सफल किसने बनाया, यह बड़ी बात है। प्रदेश सरकार इस कानून के जरिए राज्य के युवाओं का रोजगार सुनिश्चित करने का कार्य करेगी और नये कानून से स्थानीय युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां दिलाकर उन्हें लाभान्वित करेगी।

किसी पद के लिए स्किल्ड कर्मचारी ना मिलने पर आरक्षण कानून में छूट दी गई है। उदाहरण के तौर पर जैसे निर्माण कार्य में सरिया बांधने का काम ज्यादातर पश्चिम बंगाल के लोग, मिस्त्री का कार्य राजस्थान-मध्यप्रदेश के लोग करते हैं। ऐसे में इनके लिए कानून में छूट दी जा सकती है क्योंकि ऐसे कारीगर हरियाणा में नहीं होंगे। चौकीदार, सुरक्षा गार्ड, क्लर्क, स्टेनो क्लर्क, पीए आदि ऐसी नौकरियां जो कि 50 हजार रुपये मासिक सैलरी तक की है उन पर राज्य के युवाओं का 75 प्रतिशत हक होगा। कानून में किसी फर्म या किसी रोजगार प्रदाता द्वारा नियमों का पालन न करने पर अलग-अलग सेक्शन के तहत जुर्माने लगाने का प्रावधान भी किया गया है। फर्म के लिए खुद का पंजीकरण तथा उनके नये व पुराने कर्मचारियों की जानकारी संबंधित पोर्टल पर उपलब्ध करवाना अनिवार्य होगा।


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