शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, अब निजी स्कूलों में नहीं पढ़ाया जाएगा NCERT से बाहर का पाठ्यक्रम

Edited By Manisha rana, Updated: 08 May, 2021 09:36 AM

education department issued order

हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकें लागू करने के आदेश जारी किए हैं। अब निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को बच्चों..

भिवानी : हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकें लागू करने के आदेश जारी किए हैं। अब निजी स्कूल अपनी मनमर्जी से निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को बच्चों पर नहीं थोप पाएंगे और मोटा मुनाफा नहीं कमा पाएंगे क्योंकि प्रदेशभर के अधिकांश निजी स्कूलों में कमीशनखोरी के चक्कर में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लागू की जा रही थीं। इसी को लेकर 2016 से मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी विचाराधीन चल रहा है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने हाई कोर्ट में यह दलील दी थी कि अधिकांश निजी स्कूल अपने मुनाफे व स्वार्थ के लिए निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लागू कर रहे हैं। पहले शिक्षा नियमावली 2003 के संशोधित नियम 10 के अनुसार निजी स्कूलों में कोई भी पुस्तकें लगाए जाने का प्रावधान था।

पहले नहीं थे शिक्षा निदेशक के पास अधिकार, अब मिली शक्तियां
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि शिक्षा नियमावली 2003 में शिक्षा निदेशक को कोई अधिकार नहीं था कि वो पाठ्यक्रम में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम की पुसतकें लागू करें, लेकिन प्रदेश सरकार ने नियमावली में संशोधन कर यह अधिकार अब शिक्षा निदेशक को दिया है। हरियाणा में किसी भी बोर्ड से सम्बद्धता रखने वाले सभी निजी स्कूलों में अब एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम में निर्धारित पुस्तकें ही लागू करनी होंगी। पाठ्यक्रम की पुस्तकों का निर्धारण भी शिक्षा निदेशक द्वारा किया जाएगा।

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश सचिव भारत भूषण बंसल ने बताया कि हरियाणा सैकेंडरी शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम की पुस्तकें अनिवार्य रूप से लागू करने के आदेश अभिभावकों की लम्बी लड़ाई की जीत है। सरकार ने अभिभावकों के लिए ये बेहतर कदम उठाया हैं, अब शिक्षा निदेशालय निजी स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यक्रम से जुड़ी पुस्तकों को सख्ती से लागू कराए, ताकि अभिभावकों को राहत मिले।

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