मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं, फैसला दुष्यंत करेंगे : दिग्विजय चौटाला

Edited By Manisha rana, Updated: 10 Dec, 2023 03:22 PM

dushyant will decide whether i will contest elections or not digvijay chautala

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह फैसला दुष्यंत का रहेगा। लेकिन जब-जब जिस-जिस जिम्मेदारी पर पार्टी ने उतारा है, वह उसमें शत प्रतिशत देने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं।

चंडीगढ़ (धरणी) : लगातार हर मौके पर अपनी राजनीतिक सूझबूझ- क्षमता- दक्षता- कुशलता और काबिलियत को प्रमाणित करने वाले दिग्विजय चौटाला ने बातचीत के दौरान कई धुआंधार टिप्पणियां करते हुए कांग्रेस- इनेलो समेत कुछ नेताओं पर जमकर कटाक्ष किए। साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह फैसला दुष्यंत का रहेगा। लेकिन जब-जब जिस-जिस जिम्मेदारी पर पार्टी ने उतारा है, वह उसमें शत प्रतिशत देने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि आग का दरिया पार करने में उन्हें कभी ना तो कोई दिक्कत हुई है और ना ही कभी होगी। कभी किसी प्रकार की चुनौतियों से वह नहीं घबराए और ना ही घबराएंगे। क्योंकि उनका जन्म ऐसे खानदान में हुआ जिन्होंने संघर्ष के रास्ते पर चलते हुए तमाम राजनीतिक उतार-चढ़ाव देखे और हमेशा मजबूती से आगे बढ़कर लड़ाई लड़ी है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हालांकि वह चुनावी राजनीति की बजाए संगठन का कार्य करने में खुश है। क्योंकि चुनावी राजनीति व्यक्ति को सीमित करती है, जबकि संगठनात्मक कार्य के दौरान हरियाणा के प्रत्येक कोने में ही नहीं राजस्थान में नए लोगों से मिलकर उन्हें काफी खुशी मिली और पार्टी का एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में वह हमेशा सदैव तैयार रहे हैं। 

दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव के तहत जननायक जनता पार्टी लगातार तैयारी पर जुटी हुई है। हर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी एक धमाकेदार रैली करने के मूड में है। सबसे पहली रैली जुलाना, फिर फरीदाबाद और फिर लोकसभा कुरुक्षेत्र के क्षेत्र शाहबाद में तथा हाल ही में पार्टी ने अपने गृह जिला सिरसा में एक धमाकेदार रैली की है। इसके बाद से पार्टी का उत्साह सातवें आसमान पर है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हर चुनाव में जेजेपी के कार्यकर्ताओं ने जमीनी स्तर पर बहुत अधिक मेहनत से काम किया है। जिसका लाभ आगामी चुनाव में भी हमें मिलेगा। पार्टी गठन के बाद पहले चुनाव सिरसा लोकसभा में पार्टी उम्मीदवार ने 1 लाख से अधिक मत हासिल किए। यह एक बड़ा वोट बैंक था। हाल ही में राजस्थान चुनाव में बेशक जेजेपी ने सीट हासिल ना की हो जिसका मुखोल भी कुछ लोग उड़ा रहे हैं। लेकिन इतनी अधिक मजबूती से शुरुआत होने का मतलब साफ है कि एक बड़ी फौज हमारे पास वहां मौजूद हो चुकी है। जेजेपी की सभाओं में हजारों की भीड़ जब वोटों में तब्दील होगी तो उसके नतीजे हैरान कर देने वाले होंगे। 

3 राज्यों के चुनाव परिणामों ने कांग्रेस के सत्ता में लौटने के सपने को चकनाचूर किया: दिग्विजय


उन्होंने कहा कि हम राजस्थान में निरंतर काम करेंगे। दिसंबर में कार्यकारिणी घोषणा के बाद जो मजबूती पार्टी में आएगी, उससे हमारे विरोधियों के होश उड़ जाएंगे। तीन राज्यों में आए नतीजों पर बोलते हुए दिग्विजय ने कहा कि तीनों राज्यों में कांग्रेस की हार ने आने वाले समय में कांग्रेस के सत्ता में लौटने सपने को चकनाचूर कर दिया है। साथ ही स्वार्थी गठबंधन का भी जो हाल हुआ उसने तय किया है कि भविष्य में भी इन्हें कुछ हासिल नहीं होगा। यह केवल चाय कॉफी तक ही सीमित हो जाएंगे। देश फिर से नरेंद्र मोदी को नेतृत्व सौंपना चाहता है और उस कुशल नेतृत्व में देश आगे बढ़ेगा।


जेजेपी का मिशन है कि देश का नेतृत्व नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश का दुष्यंत चौटाला करें : दिग्विजय

गठबंधन को लेकर बोलते हुए दिग्विजय ने कहा कि प्रदेश को स्थाई सरकार देने के लिए 5 साल के लिए गठबंधन हुआ था जो आज भी कायम है। आगामी गठबंधन के बारे में फैसला शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक सोच के लोग हैं जो एनडीए का हर परिस्थिति में साथ देते आए हैं। आने वाले समय में पार्टी का मिशन है कि देश का नेतृत्व नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश का नेतृत्व दुष्यंत चौटाला करें। उन्होंने बातों ही बातों में भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह डूमरखा पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि वह मेरे दादा योग्य है, मेरे आदरणीय हैं, दादा के समान उम्र के हैं, लेकिन अपनी बात पर नहीं टिक पाए और अपनी बात पर नहीं टिकने वाले को बिन प्यादी का लोटा कहा जाता है। उन्होंने दावा किया कि दुष्यंत चौटाला उचाना से नही चुनाव लड़ेंगे, अगर चुनाव लड़े तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। लेकिन फिर भी वह राजनीति में बरकरार हैं।

पिछले साढ़े 4 साल में दुष्यंत पर एक भी आरोप नहीं :दिग्विजय

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हरियाणा में मुख्यमंत्री की रेस वाले सभी नेता 65 से 70 की उम्र के पार हैं। जिनकी एक चुनाव के बाद पेंशन लगना तय है। इसलिए हरियाणा का भविष्य केवल दुष्यंत चौटाला है। दुष्यंत चौटाला मुख्यमंत्री अवश्य बनेंगे और लोगों की सेवा करेंगे। देवीलाल के अधूरे सपने गरीब-किसान-मजदूर और दलित 36 बिरादरी के लोगों को आर्थिक रूप से खुशहाल बनाने का सपना दुष्यंत पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में दुष्यंत पर एक भी आरोप साबित नहीं हुआ। आरोप लगाने वालों के पसीने उस समय छूट गए जब चंडीगढ़ में मैंने प्रेस वार्ता करके सबूत मांगे। उसके बाद से इनेलो कांग्रेस व अन्य लोगों को साफ-साफ सूंघ गया। किसी की जुबान तक नहीं निकल पाई। कोई नहीं बता रहा था कि वह प्रूफ कैसे करेंगे। इससे सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। हरियाणा का कल केवल दुष्यंत है। देश का नेतृत्व नरेंद्र मोदी के हाथ में रहना चाहिए और प्रदेश दुष्यंत चौटाला के हाथों में ही सुरक्षित रहेगा।


 

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