Edited By Isha, Updated: 04 Dec, 2019 04:58 PM
पंजाब सरकार ने किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद धान की पराली न जलाने वाले किसानों को 2500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह फैसला किया है.
कैंथल (जोगिंदर कुंडू) : कैथल के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जिला प्रशासन ने पराली न जलाने वाले किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। वहीं धान की पराली न जलाने पर कैंथल जिले की उपायुक्त डॉ प्रिंयका सोनी ने किसानों को प्रशिक्षित पत्र देकर विशेष रुप से सम्मानित किया है।
कैथल की उपायुक्त डॉ प्रियंका सोनी ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम उन किसानों के लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आएगा है। जिन किसानों ने पराली नहीं जलाई और अतिरिक्त आय का साधन बनाया है जिस तरह के प्रोग्राम से लोगों में जागरूकता जरूर आएगी और लोग पर्यावरण को बचाने के लिए जरूर ध्यान रखेंगे। आगे जो भी सीजन आएगा उसमें किसान फसलों के अवशेष नहीं जलाएंगे, बल्कि उसका प्रबंधन करेंगे। इससे एनजीटी के नियमों की पालना भी होगा और हमारा पर्यावरण साफ और स्वच्छ होगा।
वहीं किसानों ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषित होने के अनेकों कारण है लेकिन अकेला किसान ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। किसान तो मात्र 10 दिन के लिए फसल अवशेष जलाता है और पूरा साल इसका प्रदूषण होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि देश में लाखों गाड़ियां हर वर्ष चलती या बिकती हैं तो उनका और फैक्ट्रियों का धुंआ ये सब प्रदूषण के कारण है।