RTI में खुलासा: राहगिरी के लिए डीजीपी ने 6.40 लाख रूपये भेजे, एसपी तक 2.30 लाख ही पहुंचे

Edited By vinod kumar, Updated: 17 Feb, 2020 04:23 PM

dgp sent rs 6 40 lakh for rahgiri sp reached 2 30 lakh only

सीएम अनाउंसमेंट के तहत जिले में पिछले दो वर्षों से जारी राहगिरी कार्यक्रम बारे जिला पुलिस ने चौंकाने वाली सूचना दी है। डीजीपी कार्यालय से एसपी पानीपत को राहगिरी कार्यक्रम के लिए 6.40 लाख रूपये भेजे गए, जबकि एसपी पानीपत कार्यालय कुल 2.30 लाख रूपये की...

चंडीगढ़(धरणी): सीएम अनाउंसमेंट के तहत जिले में पिछले दो वर्षों से जारी राहगिरी कार्यक्रम बारे जिला पुलिस ने चौंकाने वाली सूचना दी है। डीजीपी कार्यालय से एसपी पानीपत को राहगिरी कार्यक्रम के लिए 6.40 लाख रूपये भेजे गए, जबकि एसपी पानीपत कार्यालय कुल 2.30 लाख रूपये की राशि मिलना बता रहा है। अब सवाल उठ रहा है कि 4.10 लाख रूपये कहां गए। 

जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन 16 कार्यक्रम कर चुका है, लेकिन जिला पुलिस को नहीं पता कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य व औचित्य क्या है। ना ही ये पता है कि इसका संचालन कौन कर रहा है। सबसे दिलचस्प है कि हर कार्यक्रम में डीजे, स्टेज, माइक, जनरेटर, डांस कार्यक्रम, बैंड, ढोल, पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक आदि कार्यक्रम होते हैं, लेकिन इन पर प्रशासन का एक रूपया भी खर्च नहीं हुआ। तो फिर ये खर्चा करता कौन है?

आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने बताया कि पिछले दो वर्षों से जिला प्रशासन द्वारा राहगिरी कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इसमें डीसी, एसपी सहित जिला प्रशासन के तमाम प्रमुख अधिकारी शामिल होते हैं। इसी बारे में उन्होंने 23 अप्रैल 2019 को एसपी कार्यालय में 11 सूत्री आरटीआई लगाई थी। राज्य सूचना अधिकारी एवं डीएसपी (मुख्यालय) ने पहले तो भ्रामक व गोलमोल जवाब थमाकर टरकाना चाहा। लेकिन राज्य सूचना आयोग में मामला पहुंचने पर 30 जनवरी व 7 फरवरी 2020 के पत्रों द्वारा डीएसपी (मुख्यालय) सतीश वत्स ने चौंकाने वाली सूचनाएं दी हैं।

राहगिरी कार्यक्रम के उद्देश्य व औचित्य बारे डीएसपी (मुख्यालय) सतीश वत्स ने बताया कि इस सूचना का उनके पास कोई रिकार्ड नहीं है। यह कार्यक्रम जनता अपने तौर पर करती है, पुलिस द्वारा सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी दी जाती है। डीजीपी कार्यालय से 23 अप्रैल 2019 को मिले 2.30 लाख रूपये में से कोई पैसा खर्च नहीं किया गया। 

राहगिरी की संचालन कमेटी व इसके सदस्यों का भी कोई रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। जिला में राहगिरी कार्यक्रम 16 मई 2018 से जारी है। मई 2018 से अप्रैल 2019 तक किए गए कुल 16 कार्यक्रमों में कुल करीब एक लाख लोगों के शामिल होने का दावा जिला पुलिस ने किया है। इस कार्यक्रम को करने का कोई आदेश पत्र रिकार्ड में मौजूद नहीं है। बता दें कि 27 नवम्बर 2016 की सीएम घोषणा के तहत कार्यक्रम किए जा रहे हैं।

पारदर्शिता का अभाव
कपूर ने आरोप लगाया कि इन राहगिरी कार्यक्रमों में प्रशासन का एक भी पैसा खर्च नहीं होने के दावों से स्पष्ट है कि इसमें भ्रष्टाचारियों का पैसा खर्च हो रहा है। डीजीपी द्वारा भेजी गई 6.40 लाख व एसपी को मिली 2.30 लाख रूपये की राशि की जांच होनी चाहिए। जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी अपने कुछ चहेतों, वफादारों व मोटी फीसें वसूलने वाले तीन-चार निजी स्कूलों, कॉलेजों से भीड़ जुटाकर नौटंकी करते हैं।

इसकी एवज में ये वफादार व धन्ना सेठ प्रशासन से नजदीकियां बढ़ाकर अपने निजी स्वार्थ पूरे करते हैं। सरकार व अफसरों की छवि चमकाने के इस आडंबर से आम जनता का कोई लेना देना नहीं। दो वर्षों से सीएम अनाउंसमेंट के तहत चल रहे प्रोग्राम से प्रशासनिक अधिकारियों का अनभिज्ञ होना गंभीर सवाल खड़े करता है। इतना ही नहीं पानीपत राहगिरी को प्रथम पुरस्कार मिलने पर पिछले वर्ष होटल स्वर्ण महल में पार्टी पर खर्च किए लाखों रूपये बारे भी प्रशासन मौन है।

सरकार से मिली ग्रांट में भारी घपला
डीएसपी (मुख्यालय) सतीश वत्स ने अपने 30 जनवरी 2020 के पत्र द्वारा आरटीआई में बताया कि 23 अप्रैल 2019 को उन्हें 2.30 लाख रूपये ग्रांट डीजीपी कार्यालय से मिली है। दूसरी ओर डीजीपी कार्यालय ने आरटीआई में बताया कि 27 नवम्बर 2019 के पत्र द्वारा 6.40 लाख रूपये एसपी पानीपत को भेजे जा चुके हैं। आठ अप्रैल 2019 को 2.30 लाख, 8 जुलाई 2019 को 1.80 लाख व 14 अक्टूबर 2019 को 2.30 लाख रूपये की राशि एसपी पानीपत को दी गई। सवाल है कि 4.10 लाख रूपये की राशि कौन खा गया। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!