बच्चों के खाते खुलवाकर भूल गया विभाग, 71 हजार विद्यार्थियों को नहीं मिला यूनिफार्म का पैसा

Edited By Isha, Updated: 13 Dec, 2019 10:55 AM

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प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शिक्षा सत्र 2019-20 बीतने को हैं लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही देखिए कि सरकार द्वारा जिले के 239 प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में 71 हजार बच्चों को स्कूल यूनिफार्म...

फरीदाबाद (ब्यूरो) : प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शिक्षा सत्र 2019-20 बीतने को हैं लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही देखिए कि सरकार द्वारा जिले के 239 प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में 71 हजार बच्चों को स्कूल यूनिफार्म के लिए राशि दिए जाने के वायदे को आजतक पूरा नहीं किया गया है। इससे अब सीधे सरकार नुमाईंदें अभिभावकों के निशाने पर आ गए हैं। यूनिफार्म नहीं होने की वजह से विद्यार्थियों को पुरानी व घर की ड्रैस से काम चला रहे हैं और कई है कि आज भी स्कूल ड्रेस के पैसों का इंतजार में हैं। 

अधिकारियों का कहना है कि यह समस्या कई छात्रों के बैंक खाता नहीं खुलने से हो रही है। मौजूदा समय में करीब 60 हजार छात्रों के बैंक खाता खुले हैं। जबकि अभी भी 11 हजार इससे वंचित हैं। इस कारण इनका एमआईएस पोर्टल पर बैंक एकाउंट अपडेट नहीं िकया गया है। इसलिए मुख्यालय की ओर से किसी को भी स्कूल ड्रेस का पैसा नहीं भेजा गया है। यह सारे एकाउंट खुलने के बाद ही एक साथ ट्रांसर्फ र किए जाएंगे। इसके लिए प्रयास जोरी है। आगमी कुछ दिनों के अंदर सभी छात्रों के बैंक खाते खोल दिए जाएंगे।

शिक्षा निदेशालय ने पिछले साल अक्टूबर में ही सभी छात्रों के बैंक खाता खुलवाकर, उसे एमआईएस पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश जारी किया था। ताकि सभी को ड्रेस का पैसा दिया जा सके। लेकिन इस निर्देश के भी 1 साल से ज्यादा हो गए। बावजूद अभी भी करीब 11 छात्रों के एकाउंट्स खुलने बांकी है। इसके चलते अभी तक किसी को भी ड्रेस का पैसा नहीं दिया गया है। हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जैसे जैसे छात्रों के बैंक खाता खुल रहे हैं, वैसे ही उनकी डिटेल एमआईएस पर अपडेट हो रहे हैं। 

प्राथमिक स्कूलों में पढऩे वाले कक्षा 1 से 5वीं तक के छात्रों को सालाना  800 रुपए और कक्षा  6 से 8वीं तक के बच्चों को 1 हजार रुपए ड्रैस के लिए दिया जाता है। इसके अलावा कक्षा से 1 से 5 वीं तक के बच्चों को स्टेशनरी के लिए सालाना 100 रुपए और बैग के लिए 150 रुपए मिलते हैं। वहीं कक्षा 6 से 8वीं तक में स्टेशनी के लिए 150 रुपए और बैग के लिए भी 150 रुपए मिलते हैं। अधिकारियों का कहना है छात्रों को बैग और स्टेशनरी के पैसे शैक्षणिक सत्र शुरू होने के दौरान यानि अप्रैल ही मिल गए थे।

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