Edited By Manisha rana, Updated: 26 Dec, 2024 08:25 AM
सीवन नगर में कृषि योग्य भूमि पर काटी गई अवैध काॅलोनियों पर जिला प्रशासन की ढीली कार्रवाई से अवैध काॅलोनियों काटने वाले काॅलोनाइजरों के हौसले बढ़ते जा रहे है। अवैध काॅलोनाइजर बिना किसी से डरे धड़ल्ले से अवैध काॅलोनियां काटकर इनमें सड़कों और सीवर लाइन...
सीवन : सीवन नगर में कृषि योग्य भूमि पर काटी गई अवैध काॅलोनियों पर जिला प्रशासन की ढीली कार्रवाई से अवैध काॅलोनियों काटने वाले काॅलोनाइजरों के हौसले बढ़ते जा रहे है। अवैध काॅलोनाइजर बिना किसी से डरे धड़ल्ले से अवैध काॅलोनियां काटकर इनमें सड़कों और सीवर लाइन बिछाने का काम कर रहे है। काॅलोनाइजर भोली जनता को अपनी बातों में फंसाकर प्लॉट बेचने में कामयाब हो रहे है। जबकि करीब पिछले 1 साल से शहर में कटी हुई पुरानी काॅलोनियों की रजिस्ट्री भी बंद है। विभाग के पास सब जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई न होना कहीं न कहीं किसी राजनीतिक दबाव या मिलीभगत की ओर इशारा कर रही है। काॅलोनाइजर अब तो अपने मुनाफे के लिए लोगों को झूठ बोलकर प्लॉट बेच रहे है, परंतु बाद में विभाग की कार्रवाई के दौरान उसे ढहा देता है तो आम आदमी अपने आप को ठगा हुआ महसूस करता है।
स्टाफ की कमी के कारण कार्रवाई में हो रही देरी : डी.टी.पी.
इस मामले में जिला टाऊन प्लानर अधिकारी राजकीर्ति गहलावत से बात की तो उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में है लेकिन कार्यालय में कर्मचारियों की कमी के कारण कार्रवाई में देरी हो रही है। जल्द ही इन काॅलोनियों की जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
वसूली तो हुई नहीं, खर्चा बन जाएंगी यह कॉलोनियां
अवैध कॉलोनाइजरों द्वारा कॉलोनी तो काट दी जाती हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं दी जाती है, यहां पर अगर लोग रहे लग जाते है ओर इसके बाद लोगों को सुविधाएं देने का भार नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन पर ही आ जाता है। यदि यही स्थिति रही और शहर में लगातार अवैध कॉलोनियां कटती रहीं तो इनमें होने वाली सुविधाओं का खर्चा नगर पालिका को ही वहन करना पड़ेगा।
कृषि योग्य भूमि पर काट रहे कमर्शियल प्लाॅट
सीवन नगर में कॉलोनाइजर कृषि योग्य भूमि पर रिहायशी प्लाॅटों के साथ-साथ कमर्शियल प्लाॅट भी काट रहे है, जिसमें वह सरकार को चुना लगा रहे है। सरकार का नियम है कि एक कनाल से कम भूमि की अगर रजिस्ट्री करवाई जाएगी तो उक्त भूमि की रजिस्ट्री प्लांटों में होगी अन्यथा वह अवैध मानी जाएगी। तहसील में रजिस्ट्री तकसीम के हिसाब से की जाती है और रजिस्ट्री में भी जमीन को तकसीम करके ही उसके हिस्से की रजिस्ट्री की जाती है और मौके पर जमीन का खरीददार कब्जा कर लेता है।
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