कोरोना : स्कूलों में न सोशल डिस्टैंसिंग व न बच्चे पहन रहे मास्क

Edited By Manisha rana, Updated: 06 Mar, 2021 08:15 AM

corona neither social distancing nor children wearing masks in schools

जिले में अब छात्रों के कोरोना संक्रमित मिलने की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिंता का विषय है कि ज्यादातर स्कूलों में गैर बोर्ड कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं जबकि बोर्ड कक्षाओं की प्री-बोर्ड शुरू होने वाली हैं। ऐसे में छात्रों में...

कुरुक्षेत्र : जिले में अब छात्रों के कोरोना संक्रमित मिलने की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिंता का विषय है कि ज्यादातर स्कूलों में गैर बोर्ड कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो गई हैं जबकि बोर्ड कक्षाओं की प्री-बोर्ड शुरू होने वाली हैं। ऐसे में छात्रों में संक्रमण का बढ़ता आंकड़ा स्कूलों व अभिभावकों के लिए चिंता बढ़ाने वाला है। उनको यह भी चिंता है कि परीक्षा के दिनों में कोरोना होने पर कहीं साल ही न खराब हो जाए। 

हाल ही में कन्या गुरुकुल की 10 छात्राएं कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। उसके बाद शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने स्कूल संचालकों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं लेकिन इसके बावजूद भी न तो सोशल डिस्टैंसिंग की पालना हो रही है और न ही बच्चे मास्क लगा रहे हैं। स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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मास्क न पहनने वालों पर सख्ती 
पुलिस व ट्रैफिक पुलिस ने मास्क न पहनने वालों के चालान काटे। हालांकि जिस तरह से लोग बगैर मास्क नजर आ रहे हैं, उस अनुपात में यह चालान काफी कम हैं। यह हालात इसलिए हैं क्योंकि कक्षाएं बढ़ती गई, परहेज घटते गए। 1 फरवरी से 6 से 8वी तक की कक्षाएं खुली। उसके बाद स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ी लेकिन सावधानी घटने लगी। उसी के बाद स्कूलों में कोरोना केस बढऩे लगे। प्राइवेट  स्कूल संचालकों के दबाव में  आकर 1 मार्च से प्राइमरी कक्षाएं भी शुरू कर दी गईं। अब पिछले एक सप्ताह में ही कोरोना के केस बढ़ गए हैं। जनवरी में 9वीं  से 12वीं तक कक्षाएं खुली, जनवरी माह में कुछ छात्र व टीचर कोरोना पाजीटिव पाए गए थे। फरवरी में छठी से 8वीं कक्षाएं खुली, तब  कोरोना संकमित की संख्या कम रही। मार्च में नर्सरी से तीसरी तक कक्षाएं भी शुरू की गईं। मार्च में 5 दिन में ही जिला में 10 छात्राएं संक्रमित मिल चुकी हैं।

शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देश
यदि किसी एक विंग (प्राइमरी मिडल हाई व सीनियर सैकेंडरी) में कोरोना केस मिले तो उस विंग की कक्षाओं को 10 दिनों के लिए बंद किया जाएगा। यदि 2 या अधिक विंग में कोरोना केस मिले तो स्कूल को 10 दिन के लिए बंद करने की प्रक्रिया होगी।

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बिना मास्क लगाए स्कूलों में पहुंच रहे हैं बच्चे
कोरोना महामारी में 10 महीने बाद खुले सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कोरोना की रोक थाम के लिए नियमों की पालना नहीं की जा रही है। यदि स्कूली बच्चों में कोरोना वायरस की समस्या आ गई तो ये समस्या बेहद गंभीर हो सकती है। इस वक्त स्कूल खुल चुके हैं। ऐसी सूरत में कोरोना की रोकथाम के लिए बच्चों द्वारा नियमों की पालना की जानी चाहिए। लेकिन जो बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, उनमें से कई बच्चे मास्क नहीं पहनकर आ रहे। अब बच्चों को मास्क डालने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी जितनी स्कूल प्रबंधन की है, उतनी ही जिम्मेदारी अभिभावकों की बनती है क्योंकि बच्चों को कोरोना की बीमारी से दूर रखने कीे सभी की जिम्मेदारी बनती है। ऐसे में यदि बच्चे इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे तो फिर थोड़ी सख्ती भी बरतनी होगी।

समस्या आने वाले वक्त में बढ़ सकती है
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया पीड़ित है। लेकिन अब जैसे ही अनलॉक किया गया तो इससे बचने के लिए नियमों की पालना करने पर जोर दिया। जिस तर्ज पर पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए स्कूलों को खोला गया लेकिन अभी जिस प्रकार से नियमों की पालना नहीं की जा रही है वो समस्या आने वाले वक्त में बढ़ सकती है। इसलिए अभी से स्कूलों को इस बात पर जोर देना चाहिए कि बच्चों से नियमों की पालना करवाई जाए।

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