Edited By Isha, Updated: 21 Sep, 2024 07:36 PM
हरियाणा प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ता जा रहा है, मुद्दों आधारित राजनीति भी चुनाव में अपना स्थान बनाती जा रही है। इसी के चलते हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भिवानी में पर्ची-खर्ची के मुद्दे पर ध्यान देने के उद्देश्य से...
भिवानी(अशोक): हरियाणा प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ता जा रहा है, मुद्दों आधारित राजनीति भी चुनाव में अपना स्थान बनाती जा रही है। इसी के चलते हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भिवानी में पर्ची-खर्ची के मुद्दे पर ध्यान देने के उद्देश्य से अचानक भिवानी के आकाश इंस्टीट्यूट पहुंचकर बच्चों के साथ बात की तथा बगैर खर्ची-पर्ची नौकरी लगने का संदेश प्रदेश के मतदाताओं को देने का प्रयास किया।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आकाश संस्थान में पढ़ रहे बच्चों के बीच ना केवल अपना व्यतव्य दिया, बल्कि यह बताने का भी प्रयास किया कि हरियाणा प्रदेश में युवाओं को नौकरी के लिए किसी राजनेता के यहां चक्कर नहीं काटने पड़े। उसके बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में दो लाख युवाओं को नौकरी देने की बात कही गई है तथा कांग्रेस भी अपने घोषणा पत्र में दो लाख युवाओं को नौकरी देने की बात कह रहे है। फर्क यह है कि कांग्रेस के प्रत्याशी कह रहे है कि दो लाख में से दो हजार नौकरी वे लगाएंगे, ऐसे में मुख्यमंत्री का इशारा यह था कि कांग्रेस फिर से पर्ची-खर्ची नौकरियों में शुरू करना चाहती है तथा नौकरियों में भ्रष्टाचार की शुरूआत कांग्रेस करेगी।
भिवानी के कोचिंग संस्थान में पहुंचे कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से जब पूछा गया कि लाखों-हजारों रूपये खर्च कर बच्चें कोचिंग कैसे कर पाएंगे तो कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने घोषणा पत्र में गांव में ई-लाईब्रेरी बनाने का निर्णय लिया है, जहां बच्चें कोचिंग की तैयारी कर पाएंगे। पेपर लीक पर पूछे गए सवाल के जवाब में कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कुछ ही जगह पर पेपर लीक हुए है, जिन पर सखताई से कार्य हुए है।
जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में पेपर देने वाले उम्मीदवार ही दूसरे होते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 10 जिलों में आईएमटी की स्थापना कर 50 हजार के लगभग युवाओं को नौकरी दी जाएगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भले ही पर्ची-खर्ची की तरफ लोगों की तरफ ध्यान दिलाना चाहते थे, परन्तु आकाश इंटीट्यूट जैसे संस्थान लाखों रूपये फीस लेकर इंजीनियर व डॉक्टरी की पढ़ाई में दाखिला दिलवाने के लिए जाने जाते है।