Edited By Shivam, Updated: 18 Jan, 2020 09:18 PM
लिंगानुपात में सीएम सिटी करनाल दूसरे स्थान से लुढ़ककर 20वें स्थान पर आ गया है। वहीं सातवें स्थान से छलांग लगाकर पंचकूला पहले पायदान पर आ गया है। बता दें 2018 में करनाल का लिंगानुपात 934 था जो पहले स्थान से एक अंक पीछे रह गया था। पंचकूला 922...
करनाल (केसी आर्या): लिंगानुपात में सीएम सिटी करनाल दूसरे स्थान से लुढ़ककर 20वें स्थान पर आ गया है। वहीं सातवें स्थान से छलांग लगाकर पंचकूला पहले पायदान पर आ गया है। बता दें 2018 में करनाल का लिंगानुपात 934 था जो पहले स्थान से एक अंक पीछे रह गया था। पंचकूला 922 लिंगानुपात के साथ सातवें स्थान पर था।
अब 2019 में पंचकूला 963 लिंगानुपात के साथ पहले स्थान पर है तो वहीं करनाल एक साल में 26 अंक घटकर 908 लिंगानुपात पर रह गया है। 2019 में करनाल की स्थिति काफी चिंताजनक है। वहीं पूरे प्रदेश की बात करें 2014 से 2019 तक 52 अंकों की वृद्धि हुई है। 2014 में प्रदेश में 1000 लड़कों के पीछे 871 लड़कियां थी जो अब बढ़कर 2019 में 923 लड़कियां हो गई हैं।
PNDT और MTP एक्ट के तहत दर्ज हुई 41 FIR- स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार करनाल जिले में 2013 से अभी तक पीएनडीटी एक्ट के तहत 24 मामले दर्ज हो चुके हैं तो वहीं एमटीपी एक्ट के तहत 17 मामले दर्ज हो चुके हैं।
दलाल सक्रिय, कार में करते हैं लिंग जांच
जिले में दलाल सक्रिय हैं, जो कार में लिंग जांच करते हैं। इस जांच के लिये 20 से 30 हजार रुपये लेते हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम सूचना मिलते ही मौके पर जाकर आरोपी को पकड़ती है लेकिन इन आरोपियों में अभी तक डर नहीं बना है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर गांव बाहरी में आरोपी ने हमला भी कर दिया था, जिसमें डिप्टी सीएमओ डॉक्टर राजेंद्र घायल भी हो गये थे।
करनाल के डिप्टी सीएमओ डॉ. राजेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार करनाल जिले का लिंगानुपात 908 है, जो चिंता का विषय है। विभाग की ओर से पूरा प्रयास किया जाता है कि भ्रूण हत्या न हो। सूचना मिलने पर रेड भी मारी जाती है। फिलहाल पीएनडीटी और एमटीपी एक्ट के तहत 41 मामले दर्ज भी किए जा चुके हैं। उन्हों कहा की स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लिंगानुपात बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं।