पुरानी मान्यता वाले जिले के 90 स्कूलों पर छाए संकट के बादल: जल्द करवाना होगा नवीनीकरण, वरना नहीं मिलेगी चलाने की अनुमति

Edited By Manisha rana, Updated: 16 Mar, 2024 10:09 AM

clouds of crisis loom over 90 schools of the district with old recognition

कैथल जिले में दस साल पुरानी मान्यता के चल रहे 90 निजी स्कूलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हरियाणा विधालय शिक्षा बोर्ड और केन्द्रीय विधालय शिक्षा बोर्ड के अधीन आने वाले सभी स्कूलों को अब 31 मार्च तक दोबारा से मान्यता लेनी होगी। स्कूल संचालकों को पोर्टल...

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : कैथल जिले में दस साल पुरानी मान्यता के चल रहे 90 निजी स्कूलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हरियाणा विधालय शिक्षा बोर्ड और केन्द्रीय विधालय शिक्षा बोर्ड के अधीन आने वाले सभी स्कूलों को अब 31 मार्च तक दोबारा से मान्यता लेनी होगी। स्कूल संचालकों को पोर्टल के माद्यम से ऑनलाइन आवेदन करना होगा। 

आवेदन के लिए फार्म-2 के साथ फायर विभाग की एन.ओ.सी, बिल्डिंग का नक्शा पास, बिजली विभाग और सी.एम.ओ कार्यालय से शौचालय और पीने के पानी की मौजूदा व्यवस्था की रिपोर्ट भी लगानी होगी। स्कूल में कक्षाओं की स्थिति और खेल का मैदान होना भी जरूरी है। इन सभी के साथ स्कूल भूमि से सम्बंधित सभी जरुरी दस्तावेजों के अपलोड करने होंगे। आवेदनों की जांच खुद जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जायेगी। जिसमे सम्बंधित स्कूल का भौतिक निरीक्षण कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी जायेगी। उसके बाद ही स्कूल को मान्यता मिलेगी।

इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से संबंधित स्कूल संचालकों को इसके लिए नोटिस भेजे गए हैं। जिम निदेशालय के आदेशों का हवाला देते हुए 31 मार्च तक मान्यता लेने की बात कही गई है। पत्र में कहा गया है कि यदि 31 मार्च से पहले मानता नहीं ली तो उन स्कूलों को आगामी सेशन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही उन पर विभाग के आदेश न मानने को लेकर जुर्माने के साथ पुरानी मान्यता भी रद्द किया जाएगा। 

शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद शहर के निजी स्कूल संचालक मान्यता से संबंधित दस्तावेजों को इकट्ठा करने में जुट गए हैं। जिनमें विभिन्न विभागों की एन.ओ.सी के साथ स्कूल में जरूरी मानकों का खाखा भी तैयार किया जा रहा है। इन दस्तावेजों में सबसे कठिन कार्य फायर विभाग की एन.ओ.सी लेना है। क्योंकि इसकी प्रक्रिया अधिक लम्बी है। इसके साथ ही अन्य विभागों की कार्रवाई भी आसान नही है। इसलिए इतने कम समय में मान्यता लेना बहुत कठिन है। यदि 90 स्कूल संचालकों द्वारा समय पर  मान्यता नही ली गई तो जिले के हजारों बच्चों का भविष्य अंधेरे में जा सकता है।

 
ये है मान्यता के लिए जरूरी मापदंड

1. जो स्कूल ग्रामीण एरिया में है। उसे डी.टी.पी विभाग से सी.एल.यू लेनी अनिवार्य है।
2. जो स्कूल शहर के अंदर है। उसका नगर परिषद कार्यालय से नक्शा पास होना चाहिए।
3. जो स्कूल फ्री जोन के अंदर आते हैं। उनके लिए सिर्फ डी.टी.पी विभाग की एन.ओ.सी जरूरी है।
4. यदि स्कूल एक एकड़ से कम जगह में है तो उसकी फायर एन.ओ.सी जिला स्तर पर मिलेगी।
5. एकड़ से अधिक जगह वाले स्कूल की एन.ओ.सी फायर विभाग के मुख्यालय से लेनी होगी।

उप जिला शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र आर्य ने बताया कि निदेशालय के आदेश अनुसार उन्होंने सभी स्कूल संचालकों को दोबारा मान्यता लेने के लिए सम्बंधित बी.ई.ओ. के माध्यम से पत्र जारी किए हैं। 31 मार्च तक जो स्कूल संचालक मान्यता का नवीनीकरण नहीं कराया उसके आगामी सेशन पर लगा दी जायेगी। इसके साथ ही विभाग के आदेश न मानने को लेकर भी जुर्माना और कानूनी भी कार्रवाई की जाएगी।

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