Edited By Gourav Chouhan, Updated: 02 Nov, 2022 07:32 PM
अब विद्यार्थियों को प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय कोई बॉन्ड राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
डेस्क: सरकार की बॉन्ड पॉलिसी के विरोध में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे एमबीबीएस छात्रों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बड़ा ऐलान किया है। इसके अनुसार अब विद्यार्थियों को प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय कोई बॉन्ड राशि का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इससे पहले छात्रों को बॉन्ड राशि के रूप में लगभग 10 लाख रुपये शुल्क भरना पड़ता था।
सरकार की नई पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं छात्र
बता दें कि सरकार द्वारा लागू की गई पॉलिसी के तहत प्रदेश के एमबीबीएस छात्रों को दाखिले के समय प्रतिवर्ष 9.20 लाख रुपए जमा करवाने के लिए कहा गया था। इसी के साथ विद्यार्थियों को 80 हजार रुपए फीस भी जमा करनी होगी। नई पॉलिसी के कारण स्टूडेंट्स को 4 साल में कुल 40 लाख रुपए जमा करवाने होंगे। सरकार की इस पॉलिसी के विरोध में अलग-अलग जिलों में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है।
दूसरे राज्यों में एडमिशन लेने की बात कर रहे गुस्साए छात्र
नई पॉलिसी के तहत हरियाणा के विद्यार्थियों को बॉन्ड के रूप में 9.20 लाख रुपए हर साल जमा करवाने का फरमान सुनाया गया था। ऐसे में विद्यार्थियों का कहना था कि दूसरे राज्यों में एमबीबीएस की पढ़ाई करना हरियाणा के मुकाबले काफी सस्ता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 20-30 हजार और एम्स में 5-10 हजार रुपए प्रतिवर्ष फीस है। लेकिन सरकार ने शब्दों के जाल में फंसाकर सर्विस बांड के नाम पर 9.20 लाख रुपए और 80 हजार प्रतिवर्ष फीस मांगी है। इसके चलते हर विद्यार्थी को प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए देने होंगे। इसके चलते बच्चों का रुझान प्रदेश की बजाए अन्य राज्यों से एमबीबीएस करने की ओर ज्यादा बढ़ रहा है।
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