Edited By Manisha rana, Updated: 08 Jun, 2022 05:09 PM
भारतीय सेना को इतिहास में पहली बार आर्मी एविएश कॉर्प्स के तौर पर पहली महिला अधिकारी मिली है। कैप्टन अभिलाषा बड़क को भारतीय सेना की पहली महिला ...
रोहतक (दीपक भारद्वाज) : भारतीय सेना को इतिहास में पहली बार आर्मी एविएश कॉर्प्स के तौर पर पहली महिला अधिकारी मिली है। कैप्टन अभिलाषा बड़क को भारतीय सेना की पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनाया गया है। देश भर की सैन्य छावनियों में पली-बढ़ीं कैप्टन अभिलाषा बड़क के लिए सेना में शामिल होना उनके करियर के लिए एक स्वाभाविक विकल्प था। आज जब हरियाणा की 26 वर्षीय महिला कैप्टन ने रोहतक के बालंद गांव के सरकारी स्कूल की जमीन पर कदम रखा तब वहां बजी तालियों की गूंज देर तक सुनी गई। रोहतक रेंज आईजी ममता सिंह मुख्यथिति के रूप में उपस्थित रही ,साथ ही आईपीएस मेधा भूषण भी मौजूद रही।
बताया जा रहा है कि सेना की एविएशन कोर में पहली बार महिला पायलट चुने जाने पर कैप्टन अभिलाषा बड़क को लोग बधाई देने पहुंच रहे। अभिलाषा का कहना है कि उनके पिता जी की जन्मभूमि पर पूरे 10 साल बाद वह आई है जिस खुशी को वो शब्दों में ब्यान नहीं कर सकती। उनका कहना है कि हर बेटी आसमान छू सकती है, जरूरत है तो बस परिवार के स्पोर्ट की।
बता दें कि कैप्टन अभिलाषा बड़क के पिता कर्नल ओम सिंह बराक साल 2011 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने कहा कि बेटी की इस उपलब्धि को वह शब्दों में नहीं बयान कर सकते। उन्होंने बचपन में देखा है कि लड़कियां मेहनत तो करना चाहती है, लेकिन उनके मां-बाप द्वारा स्पोर्ट ना मिलने के कारण उसी स्थिति में ढल कर रह जाती है। आज उनकी बेटी ने पूरे देश का नाम रोशन किया है, उम्मीद करते है कि आगे भी लोग लड़का-लड़की में फर्क नहीं करेंगे।
वहीं रोहतक रेंज आई जी ममता सिंह का कहना है कि देश के लिए बहुत गर्व की बात है। रोहतक की बेटी ने प्रदेश का नाम रोशन किया है, साथ ही उन्होंने अपने पिता द्वारा कही गई बात जाहिर की जब उनका आईपीएस में सिलेक्शन हुआ था कि मां-बाप का सबसे खुशी का दिन तब होता है जब माता-पिता को लोग उनके बच्चों की उपलब्धि के नाम से जानते है। वहीं खुशी का दिन आज कैप्टन अभिलाषा बड़क के पिता का है।
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