भाजपा लगाएगी हैट्रिक, दूसरी पार्टियों का हाल देखकर हमारे कार्यकर्ता जोश से लबरेज है- अशोक तंवर

Edited By Manisha rana, Updated: 05 Feb, 2024 10:36 AM

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भारतीय जनता पार्टी का हाल ही में दामन सामने वाले पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ नेता अशोक तंवर ने भाजपा के लिए किलेबंदी करनी शुरू कर दी है।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : भारतीय जनता पार्टी का हाल ही में दामन सामने वाले पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ नेता अशोक तंवर ने भाजपा के लिए किलेबंदी करनी शुरू कर दी है। कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने के बाद एक अहम बैठक तंवर की भाजपा प्रभारी के साथ हुई थी। उसके बाद से तंवर पूरी तरह से एक्टिव नजर आने लगे हैं। 

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लोकसभा आरक्षित सीट अंबाला से तंवर को मैदान में उतारने की चर्चाएं जोरों पर

रविवार शाम को तंवर ने अपने पुराने मित्र एवं पंचकूला के प्रमुख समाजसेवी अजयवीर सहगल के निवास पर उनसे विशेष मुलाकात की और कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की। बता दें कि अजय वीर सहगल कई सामाजिक-धार्मिक संगठनों के साथ जुड़े हुए व्यक्ति हैं और क्षेत्र में उनकी विशेष पकड़ है। उनसे मुलाकात के कई राजनीतिक मायने लगाए जा सकते हैं। लोकसभा आरक्षित सीट अंबाला से तंवर को मैदान में उतारने की चर्चाएं जोरों पर है और पंचकूला भी लोकसभा अंबाला का हिस्सा है। इसलिए यह मुलाकात एक विशेष एजेंडे के तहत भी हो सकती है या फिर अजय वीर सहगल जैसी कई बड़ी हस्तियां जल्द भाजपा टीम का हिस्सा भी बन सकती है। 

बहुत से उपेक्षित लोगों को मुख्यधारा में जोड़कर उनकी शक्ति का सदुपयोग हम करेंगे : तंवर 

अशोक तंवर ने बातचीत के दौरान कहा कि 2024 में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतेगी और किन्ही कारणों से पिछली बार विधानसभा चुनावों के 75 पार वाले रह गए, टारगेट को इस बार उससे भी अधिक सीटों से पूरा करेंगे। उन्होंने दावा किया कि इस बार का जनादेश एक अभूतपूर्व बदलाव लाएगा। भाजपा हैट्रिक लगाएगी। दूसरी पार्टियों का हाल देखकर हमारे कार्यकर्ता जोश से लबरेज है। तंवर ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के मेरे फैसले पर 99 फीसदी मेरे साथी लोगों ने सहमति जताते हुए कहा कि यह प्रदेश-देश और 36 बिरादरी के हित में फैसला है। क्योंकि शोषण की व्यवस्था से लड़ने के लिए देश के बारे में सोचने वाली पार्टी के साथ जुड़ना बेहद जरूरी था। 10 सालों में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने जो कर दिखाया है, वह जादू सा लगता है। इसलिए अपनी शक्ति का उपयोग सही दिशा में लगाने का फैसला लिया और हम देश हित के लिए अपने भटके हुए साथियों की ऊर्जा को भी वेस्ट नहीं होने देंगे। आने वाले समय में बहुत से उपेक्षित लोगों को मुख्य धारा में जोड़कर हम उनकी शक्ति का सदुपयोग करने जा रहे हैं।

प्रदेश का कोई कोना ऐसा नहीं, जहां अशोक तंवर की टीम नहीं

कई राजनीतिक दलों में संगठन के तमाम बड़े पदों पर बखूबी जिम्मेदारियां निभाने के कारण अशोक तंवर की प्रदेश भर में एक मजबूत पकड़ है या यूं कहें कोई क्षेत्र ऐसा अछूता नहीं जहां अशोक तंवर की एक बड़ी टीम मौजूद ना हो और इस टीम पर भाजपा की नजर ना हो ऐसा तो संभव नहीं। अशोक तंवर 7 साल तक हरियाणा प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष पद जैसी बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। वह 2009 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर सिरसा से सांसद बने थे। वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव, भारतीय युवा कांग्रेस तथा एनएसयूआई के भी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष सबसे कम उम्र में बनने का गौरव भी अशोक तंवर को प्राप्त है। किन्ही राजनीतिक कारणों व आपसी गतिरोध के चलते 2019 में अशोक तंवर ने कांग्रेस का त्याग कर दिया था। किसान परिवार में जन्मे डॉ अशोक तंवर मूल रूप से झज्जर जिले के हैं तथा एम ए- एम फिल और मध्यकालीन भारतीय इतिहास से पीएचडी हैं। वह अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी को भी मजबूत करने का काम कर चुके हैं। 


बड़े दलित चेहरे तंवर का बड़ा लाभ मिलेगा भाजपा को

अशोक तंवर वामपंथियों के प्रभुत्व वाले जेएनयू में छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ एक बड़ी पहचान बने थे। उनके नेतृत्व में एनएसयूआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) में दो चुनाव जीते थे यानि डॉ अशोक तंवर के पास संघटनात्मक ढांचे को मजबूत करने का एक लंबा और बड़ा अनुभव है। तमाम पदों पर रहकर उन्होंने कई जिम्मेदारियां निभाते हुए पार्टी को मजबूत किया है। वह एक बड़ा दलित चेहरा है। प्रदेश भर के दलित वोट बैंक पर उनकी एक बड़ी पकड़ है। खास तौर पर प्रदेश में अगर बात करें तो कांग्रेस पार्टी का त्याग कर भाजपा का दामन थामने वाले तंवर भाजपा के लिए एक तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं। क्योंकि भाजपा के विपक्ष में अगर बात करें तो प्रदेश में कहीं ना कहीं कांग्रेस पार्टी ही कुछ मजबूती में है। कांग्रेस को जड़ से जानने वाले डॉक्टर अशोक तंवर की गर्जना जब भाजपा के मंच पर कांग्रेस के खिलाफ गूंजेगी तो कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए बेहद नुकसानदायक और भाजपा के लिए बेहद फायदे का सोदा साबित होगी।
 

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