कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाने की बजाय किसानों की चिंता करे भाजपा: राजन राव

Edited By Shivam, Updated: 30 Mar, 2021 08:00 PM

bjp should worry about farmers instead of making false accusations

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि पंजाब जैसी घटना भाजपा के किसी भी नेता के साथ अन्य स्थानों पर ना हो इसके लिए एमएसपी की गारंटी को कानूनी जामा पहनाना होगा। उन्होंने...

गुरुग्राम (गौरव): हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्षा, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि पंजाब जैसी घटना भाजपा के किसी भी नेता के साथ अन्य स्थानों पर ना हो इसके लिए एमएसपी की गारंटी को कानूनी जामा पहनाना होगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन से लेकर पंजाब की घटना को लेकर जितनी शक्ति भाजपा कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाने के लिए लगा रही है उतनी गंभीरता से भाजपा सरकार को किसानों की चिंता करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक ने भी पिछले दिनों साफ कह दिया था कि सरकार को किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देनी ही होगी, तभी किसान अपने घरों को खुशी खुशी लौएंगे। सरकार को भी ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि इतने दिनों तक पीड़ा झेलने वाले किसान खुशी खुशी अपने गंतव्य को लौंटे। 

उन्होंने कहा कि अभी तक भाजपा किसानों के नाम पर और किसान आंदोलन के नाम पर देश को गुमराह ही करती आई है। राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति अगर किसानों की पैरवी कर रहा है तो समझना होगा कि कहीं ना कहीं कृषि कानूनों में बड़ा खोट है। उन्होंने कहा सतपाल मलिक ने सार्वजनिक मंच से किसान आंदोलन को अपना समर्थन देकर किसानों की मांगों की पैरवी की है। 

उन्होंने खुद कहा कि उन्होंने प्रधानमन्त्री और गृह मंत्री से इस मुद्दे पर बात भी की है। बावजूद इसके प्रधानमन्त्री और गृह मंत्री ने किसानों की समस्या को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इससे साफ होता है कि भाजपा किसानों को लेकर कतई संवेदी नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक देश के साथ प्रदेश में कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि लंबे समय से किसान अपना घर-परिवार छोड़कर सड़कों पर बैठे हैं। केवल दिल्ली की सीमाओं पर ही नहीं, देश के विभिन्न हिस्सों में किसान कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। 300 किसान अपने बच्चों के भविष्य को बचाने और दूसरे किसानों को उनका हक दिलाने के लिए अपनी शहादत दे चुके हैं। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। सरकार को अपना अडिय़ल रुख छोड़कर किसानों से तत्काल बातचीत करनी चाहिए। इस संवेदनशील मुद्दे को गंभीरता से लेकर किसानों की समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि शहादत देने वाले किसानों को शहीद का दर्जा देकर उन्हें आर्थिक मदद और एक एक आश्रित को सरकारी नौकरी की घोषणा भी तत्काल करनी चाहिए। लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक कांग्रेस लगातार यह मांग कर रही है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार किसान आंदोलन के विस्तार को रोकने के लिए देश भर में ट्रेन संचालन पर रोक लगाए है। इससे सरकार और आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है, लेकिन दिल्ली सीमा पर किसानों की भीड़ को आने से रोकने के लिए रेल नहीं चलाई जा रही। 

उन्होंने कहा कि किसी भी किसान संगठन ने इन कृषि कानूनों की मांग नहीं की थी। लेकिन केंद्र की सरकार ने कारपोरेट घरानों को फायदा देने के लिए ये काले कृषि कानून बनाए। कांग्रेस नेता ने कृषि कानूनों की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को खत्म करके किसानों को फसल की एमएसपी की गारंटी दे और जो भी किसान की फसल को एमएसपी से नीचे खरीदे उस पर आपराधिक मुकद्दमा दर्ज कर सजा का प्रावधान करे, साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट के अनुसार किसान को उसकी फसल का दाम मिले। उन्होंने पूरे देश - प्रदेश के किसानों और राजनीतिक संगठनों  से अपील करते हुए कहा कि सभी राजनीति से ऊपर उठकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ मजबूती से खड़े होकर साथ दें।

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