बरोदा उप चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं, मगर सभी दलों के नेताओं की नजर इस सीट पर टिकी

Edited By Shivam, Updated: 15 Jul, 2020 05:22 PM

baroda by election date is yet to be announced but

बरोदा उप चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है, मगर सभी दलों के नेताओं की नजर इस सीट पर टिकी है। पिछले साल हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीकृष्ण हुड्डा को 42 हजार 566 मत मिले और वह विजयी रहे। नम्बर 2 पर रहे...

चंडीगढ़ (धरणी): बरोदा उप चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है, मगर सभी दलों के नेताओं की नजर इस सीट पर टिकी है। पिछले साल हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार श्रीकृष्ण हुड्डा को 42 हजार 566 मत मिले और वह विजयी रहे। नम्बर 2 पर रहे भाजपा के योगेश्वर दत्त को 37 हजार 726 मत मिले। तीसरे पर जेजेपी के भूपिंदर रहे, जिन्हें 32 हजार 480 मत मिले। इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था। इनेलो के जोगिंदर को 3145 वोट मिले थे।

अब श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के चलते उप चुनाव होने हैं। भाजपा व जेजेपी हरियाणा में गठबंधन में हैं। भाजपा यहां से चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने व जीत कर अपने कुल विधयकों की संख्या में इजाफा करने की तैयारी में है। जेजेपी के सरंक्षक अजय चौटाला भी संकेत दे चुके हैं कि गठबंधन के दोनों दल मिल कर चुनाव लड़ेंगे व एक ही उम्मीदवार मैदान में होगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल भाजपा का उम्मीदवार उतारने के संकेत दे चुके हैं।

जेजेपी के नेता व इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला को उतारने की बात की खूब चर्चा रही है। जेजेपी के गठन के तुरंत बाद जींद उपचुनाव में कांग्रेस के दिग्गज रणदीप सुरजेवाला व सोनीपत से लोकसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ चुके दिग्विजय चौटाला को जेजेपी के संगठन के योद्धा के रूप में देखा जाता है। हालांकि दिग्विजय चौटाला या उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने आज तक कभी भी ऐसे संकेत नहीं दिए कि दिग्विजय बरोदा से उपचुनाव लड़ेंगे।

भाजपा-जेजेपी व निर्दलियों के समर्थन से चल रही सरकार में नम्बर 2 पर रही भाजपा 37 हजार 726 मत जो वोट 30.73त्न हैं के आधार पर अपना ग्राफ बढ़ाने की रणनीति के तहत चल रही है। वोट प्रतिशत कैसे बड़े पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने खुद संभाल रखी है। बरोदा विधानसभा अतीत में आरक्षित विधानसभा भी रही है। तब यहां ज्यादातर इनेलो का परचम लहराता रहा है। रिजर्व विधानसभा का टैग हटने के बाद यहां ज्यादातर नेता प्रतिपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा का दबदबा रहा, जिस कारण उनके द्वारा खड़े कांग्रेस के उम्मीदवार का पलड़ा भारी रहा।

बरोदा उप चुनाव के मध्यनजर पैरोल पर जेल से बाहर आए पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला भी पूरी नजर लगाएं है। चंडीगढ़ में रह उन्होंने जहां अपने छोटे पुत्र अभय चौटाला को पूरी तरह से फील्ड में सक्रिय रखा है। वहीं खुद जातीय समीकरणों के मध्यनजर कई चेहरों को इनेलो में जॉइन करवा हलचल पैदा कर दी है। बरोदा के उपचुनाव को लेकर ओम प्रकाश चौटाला खुद ही बहुत से नेताओं से संपर्क साध चुके हैं।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल कह चुके हैं कि यह सीट गठबंधन जीतेगा। भाजपा यहां एक बार फिर से योगेश्वर दत्त पर दांव खेलेगी या किसी अन्य चेहरे को उतरेगी इस पर सब की निगाहें हैं। गठबंधन धर्म से बंधी जेजेपी की बरोदा में अपना उम्मीदवार उतारने की चाहत इस बार पूरी होती कम ही नजर आ रही है, जबकि विधानसभा चुनावों में जेजेपी का अच्छा प्रदर्शन रहा था। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में भजपा उम्मीदवार यहां दूसरे नम्बर पर था, इसलिए इस सीट से भाजपा उम्मीदवार उतरेगी और जीतेगी।

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